किसान आंदोलन: पुलिस ने दी किसानों को अनुमति, दिल्ली में निकालेंगे 100 किलोमीटर की ट्रैक्टर परेड
क्या है खबर?
कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर पिछले करीब दो महीने से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को 26 जनवरी को दिल्ली में अपने प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड की अनुमति मिल गई है।
दिल्ली पुलिस ने शनिवार को किसान नेताओं के साथ लंबी चर्चा के बाद अनुमति जारी की है।
इसके तहत किसान मार्च के दौरान गणतंत्र दिवस की परेड में व्यवधान नहीं डालेंगे और अन्य रास्तों पर 100 किलोमीटर का मार्च निकालेंगे।
पृष्ठभूमि
क्या है गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली का पूरा मामला?
दरअसल, कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में ट्रैक्टर रैली बुलाई है। ये रैली दिल्ली को घेरने वाले आउटर रिंग रोड पर निकाली जाएगी और 100 किलोमीटर लंबी इस परेड में 2,000 ट्रैक्टर हिस्सा लेंगे।
इन ट्रैक्टरों पर तिरंगे झंडे लगाए जाएंगे। किसान संगठनों ने भरोसा दिया है कि इस ट्रैक्टर परेड के जरिए राजपथ पर होनी वाली गणतंत्र दिवस परेड में व्यवधान नहीं पहुंचाया जाएगा।
कोर्ट सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंचा था ट्रैक्टर रैली का मुद्दा
बता दें कि गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली का ये मुद्दा सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा था और केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस ने खालिस्तानी तत्वों और संभावित हिंसा का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट से इस पर रोक लगाने की मांग की थी।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने रैली पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और कहा कि इसे मंजूरी देनी है या नहीं, इसका फैसला दिल्ली सरकार के हाथों में है।
चर्चा
दिल्ली पुलिस ने किसान नेताओं से चर्चा
किसानों के प्रस्तावित ट्रैक्टर मार्च को लेकर दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को किसान नेताओं के सामने एक रूट मैच का प्रस्ताव रखा था। इस पर किसानों ने विचार करने की बात कही थी।
इसके बाद पुलिस ने शनिवार को किसान नेताओं के साथ बैठक कर मार्च पर विस्तृत चर्चा की।
इसके बाद दोनों पक्षों की आपसी सहमति के बाद पुलिस ने मार्च की अनुमति दे दी। ऐसे में अब किसान नेताओं ने मार्च निकालने की तैयारी शुरू कर दी।
बयान
यहां से शुरू होगा ट्रैक्टर मार्च
पुलिस के साथ बैठक में शामिल होने के बाद किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने बताया पुलिस ने ट्रैक्टर मार्च की अनुमति दे दी है। ऐसे में ट्रैक्टर मार्च दिल्ली के गाजीपुर, सिंघू और टीकरी बॉर्डरों से शुरू होगा।
किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने बताया कि हजारों किसानों के परेड में शामिल होने के कारण इसका कोई एक मार्ग नहीं रहेगा।
किसान नेता दर्शन पाल ने कहा दिल्ली की सीमाओं पर लगाई गई बेरिकेडिंग 26 जनवरी को हटा दी जाएगी।
तैयारी
पंजाब और हरियाणा से रवाना हुए ट्रैक्टरों के जत्थे
राष्ट्रीय राजधानी में 26 जनवरी को किसानों द्वारा प्रस्तावित ट्रैक्टर मार्च में हिस्सा लेने के लिए पंजाब और हरियाणा के किसानों के कई जत्थे अपनी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों एवं अन्य वाहनों को लेकर शनिवार को दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
भारतीय किसान यूनियन (एकता-उग्राहन) महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने बताया कि दिल्ली में प्रस्तावित ट्रैक्टर मार्च के लिए खनौरी (संगरुर, पंजाब) और डबवाली (सिरसा, हरियाणा) से हजारों ट्रैक्टर ट्रॉली रवाना हो चुकी है।
जानकारी
ट्रैक्टरों पर लगाए झंडे और पोस्टर
मार्च में शामिल होने वाले ट्रैक्टरों पर किसान संगठनों के झंडे लगाए गए हैं, जबकि कई पर तिरंगे झंडे लगाए गए हैं। इसी तरह ट्रैक्टरों पर "किसान एकता जिंदाबाद" और "काले कानून रद्द करो" जैसे नारे लिखे हुए पोस्टर भी चस्पा किए गए हैं।
मुद्दा
क्या है कृषि कानूनों का पूरा मुद्दा?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है। इनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं।
पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और MSP से छुटकारा पाना चाहती है।
प्रस्ताव
सरकार ने किसानों के सामने रखा कानूनों को निलंबित करने का प्रस्ताव
ट्रैक्टर रैली की इन तैयारियों के बीच शुक्रवार को केंद्र सरकार और किसानों के बीच कृषि कानूनों पर 11वें दौर की बैठक हुई।
इस बैठक में सरकार के रुख में थोड़ी नरमी देखने को मिली और उसने किसानों के सामने इन कानूनों को दो साल तक निलंबित करने का प्रस्ताव रखा।
इस दौरान सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि अब अगले दौर की बैठक उसी सूरत में होगी जब किसान प्रस्ताव को स्वीकार करेंगे।