दिल्ली: शाही इमाम बुखारी ने कहा- नागरिकता कानून का भारतीय मुस्लिमों से कुछ लेना-देना नहीं
नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के बीच दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने लोगों से शांति बनाने की अपील की है। बुधवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नागरिकता कानून का भारत के मुस्लिमों से कुछ लेना-देना नहीं है। उन्होंने ये भी कहा कि नागरिकता कानून और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC) में अंतर है और NRC अभी कानून नहीं बना है।
शाही इमाम बोले, भावनाओं को काबू में रखकर करना होगा प्रदर्शन
कार्यक्रम में शाही इमाम बुखारी ने कहा, "विरोध करना भारत के लोगों का लोकतांत्रिक अधिकार है। कोई भी हमें ऐसा करने से नहीं रोक सकता। हालांकि ये महत्वूपर्ण है कि ये काबू में रहकर किया जाए। अपनी भावनाओं को काबू में रखना सबसे महत्वपूर्ण है।"
"नागरिकता कानून और NRC में अंतर"
नागरिकता कानून और NRC की बात करते हुए बुखारी ने कहा, "नागरिकता कानून (CAA) और NRC में अंतर है। CAA एक कानून बन चुका है जबकि NRC की केवल घोषणा हुई है, ये कानून नहीं बना है।" उन्होने आगे कहा, "CAA के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आने वाले आए मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता नहीं दी जाएगी। इसका भारत में रहने वाले मुस्लिमों से कुछ लेना-देना नहीं है।"
सीलमपुर में प्रदर्शन के दौरान हुई थी हिंसा
शाही इमाम बुखारी ने शांति बनाए रखने की ये अपील ऐसे समय पर जारी की है जब कल ही दिल्ली के सीलमपुर में नागरिकता कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन में हिंसा हुई थी। इस प्रदर्शन में लोग केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए सीलमपुर के टी-प्वाइंट पर जमा हुए थे। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों में झड़प हुई। प्रदर्शनकारियो की ओर से पत्थर फेंके गए, जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े।
जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों के प्रदर्शन में भी हुई थी हिंसा
इससे पहले रविवार को जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों के प्रदर्शन के दौरान भी हिंसा हुई थी। इस हिंसा में कुछ अज्ञात लोगों ने DTC की तीन बसों को आग के हवाले कर दिया था। छात्रों के अनुसार, ये हिंसा बाहर से आए लोगों ने की थी और पुलिस के लाठीचार्ज के बाद हालात और खराब हुए। पुलिस ने भी हिंसा में छात्रों के शामिल न होने की बात कही थी।
रात को जामिया यूनिवर्सिटी में घुसी पुलिस
छात्रों के हिंसा न करने के अपने इस बयान के बावजूद रात को प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई के बहाने दिल्ली पुलिस जामिया यूनिवर्सिटी के कैंपस में घुस गई और 100 से अधिक छात्रों को हिंसा में शामिल होने के लिए गिरफ्तार कर किया। पुलिस लाइब्रेरी और हॉस्टल तक में घुस गई और छात्रों के साथ अपराधियों जैसा सलूक किया। इस दौरान आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए। इसमें 200 से अधिक छात्र घायल हुए जबकि एक को गोली लगी है।