देश की पहली प्राइवेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस को पहले महीने हुआ 70 लाख रुपये का मुनाफा
क्या है खबर?
देश की पहली प्राइवेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस को पहले महीने 70 लाख रुपये का मुनाफा हुआ है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 5 अक्टूबर से शुरू हुई इस ट्रेन को पहले महीने टिकटों की बिक्री से लगभग 3.70 करोड़ रुपये का राजस्व मिला।
दिल्ली से लखनऊ के बीच चलने वाली इस ट्रेन को इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) संचालित करता है। यह ट्रेन सप्ताह में छह दिन चलती है।
आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
खर्च
संचालन पर रोजाना खर्च होते हैं लगभग 14 लाख
5 अक्टूबर से संचालन शुरू होने से लेकर 28 अक्टूबर तक तेजस एक्सप्रेस कुल 21 दिन चलाई गई।
इस दौरान IRCTC ने इसके संचालन पर रोजाना 14 लाख रुपये के हिसाब से लगभग तीन करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
इस दौरान IRCTC को टिकटों की बिक्री से रोजाना लगभग 17.50 लाख रुपये की कमाई हुई।
तेजस एक्सप्रेस में यात्रियों को खाना, 25 लाख तक का मुफ्त बीमा और ट्रेन के लेट होने पर मुआवजा देने जैसी सुविधाएं मिलती हैं।
तेजस एक्सप्रेस
तेजस की 80-85 फीसदी सीटें रहीं फुल
भारतीय रेलवे ने तेजस एक्सप्रेस को उस रणनीति को तहत चलाया है, जिसके तहत वह देश के 50 रेलवे स्टेशनों को वैश्विक स्तर के हिसाब से तैयार करना चाहता है। इसके लिए रेलवे अपने नेटवर्क पर 150 प्राइवेट ट्रेनों को संचालन करेगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, तेजस को यात्रियों की तरफ से अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। ट्रेन की 80-85 फीसदी सीटें फुल रही हैं।
इसका AC चेयर का किराया 1,125 रुपये और एग्जीक्यूटिव चेयर कार का किराया 2,310 रुपये है।
सुविधाएं
ट्रेन लेट होने पर मिलता है यात्रियों को मुआवजा
तेजस ट्रेन में यात्रियों को बीमा के साथ-साथ लेट होने पर मुआवजा देने का भी प्रावधान है।
ट्रेन के पहुंचने में अगर तय समय से एक घंटे की देरी होती है तो यात्री को 100 रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। वहीं दो घंटे से ज्यादा देरी होने पर हर यात्री को 250 रुपये दिए जाएंगे।
ट्रेन में अटेंडेंट, LCD, ऑन बोर्ड वाई-फाई सेवा, आरामदायक सीटें, मोबाइल चार्जिंग, रीडिंग लाइट्स, मोड्यूलर बायो-टॉयलेट और सेंसर टेप फिटिंग जैसी सुविधाएं हैं।