चार साल पहले DU छात्रा द्वारा लगाए गए अभद्र टिप्पणी के आरोपों से बरी हुए सर्वजीत
क्या है खबर?
लगभग चार साल पहले दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्रा से छेड़छाड़ और अभद्र टिप्पणी करने के आरोपी 30 वर्षीय सर्वजीत सिंह को दिल्ली की एक अदालत ने बरी कर दिया है।
2015 में छात्रा ने फेसबुक पोस्ट लिखकर सर्वजीत सिंह पर गंदे इशारे और अभद्र टिप्पणी करने का आरोप लगाया था।
इसके बाद पुलिस ने सिंह को गिरफ्तार किया था। छात्रा के आरोप था आरोपी ने तिलक नगर में एक ट्रैफिक जाम में इस घटना को अंजाम दिया।
जानकारी
फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कही यह बात
सिंह को बरी करते हुए मेट्रोपोलिटन मैजिस्ट्रेट सोनम गुप्ता ने कहा कि अभियोजन पक्ष की एकमात्र गवाही पर सजा सुनाई जा सकती है, लेकिन इस मामले में शिकायतकर्ता ने अपने बयान बदले हैं। उसे देखते हुए गवाही को भरोसेमंद नहीं माना जा सकता।
घटना
घटना के बाद चली गई थी सिंह की नौकरी
इस फैसले के बाद इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए सिंह ने कहा, "हर कोई मुझे आरोपी की नजर से देखता था। हर कोई मेरा चेहरा पहचानने लग गया था। मेरी गिरफ्तारी के बाद मेरे पिता को दिल का दौरा पड़ा। ये साल मेरे लिए बहुत मुश्किल रहे हैं। जब जज ने यह फैसला पढ़ा तो मैं रो पड़ा।"
सिंह ने बताया कि उस घटना के बाद उनकी नौकरी चली गई थी। उसके बाद उन्हें कई नौकरियां बदलनी पड़ी।
दलील
दोनों पक्षों ने कोर्ट में दी ये दलीलें
अभियोजन पक्ष ने सिंह को दोषी करार देने की दलील देेते हुए कहा कि शिकायतकर्ता के बयान और पुलिस की गवाही इस मामले का समर्थन करती है। इसलिए सिंह को दोषी करार दिया जाना चाहिए।
इसके जवाब में सिंह के वकील ने कहा कि यह घटना बीच सड़क पर हुई, लेकिन वहां मौजूद किसी व्यक्ति ने इसकी गवाही नहीं दी।
उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता ने सोशल मीडिया पर मशहूर होने के लिए यह केस किया था।
प्रतिक्रिया
छात्रा पर कानूनी कार्रवाई का विचार कर रहे सिंह
कोर्ट ने सिंह के वकील की दलीलें मानते हुए कहा कि इस केस में किसी सार्वजनिक गवाह की गवाही नहीं हुई। कोर्ट ने कहा कि किसी चश्मदीद ने इसमें गवाही नहीं दी, जो इस केस को मजबूत बना सके।
फैसले के बाद सिंह ने कहा कि वो अब छात्रा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने पर विचार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि 11 अक्टूबर को अदालत ने फैसला सुनाया था और उसे सभी आरोपों से बरी कर दिया गया है।