व्हाट्सऐप के जरिये घर के पास ही काम तलाश सकेंगे मजदूर, शुरू हुआ नया प्लेटफॉर्म
मजदूरों को उनके आसपास काम दिलाने में अब व्हाट्सऐप काम आएगी। मजदूर व्हाट्सऐप पर 'हाय' का मैसेज भेजकर अपने कौशल के हिसाब से काम की जानकारी ले सकते हैं। इसके लिए भारत सरकार के विज्ञान और प्रोद्यौगिकी विभाग (DST) ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से चलने वाला एक व्हाट्सऐप चैटबॉट तैयार किया है। इसे श्रमिक शक्ति मंच (सक्षम) नाम दिया गया है। यह मजदूरों को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों से जोड़ेगा। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
मजूदरों के घर के पास काम दिलाना है उद्देश्य
DST के टेक्नोलॉजी इंफोर्मेशन फॉरकास्टिंग एंड असेसमेंट काउंसिल (TIFAC) ने यह प्लेटफॉर्म तैयार किया है। TIFAC के कार्यकारी निदेशक प्रदीप श्रीवास्तव ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान इस प्लेटफॉर्म को तैयार करने का विचार आया था। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन का कारण लाखों प्रवासी मजदूरों को अपने घर लौटना पड़ा था। इनमें से बहुतों की नौकरी चली गई है। इस प्लेटफॉर्म का मकसद मजदूरों को उनके घर के पास काम दिलाना है।
कौन उठा पाएगा इस प्लेटफॉर्म का फायदा?
श्रीवास्तव ने बताया कि इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर और कृषि कार्यों से जुड़े मजदूरों समेत अन्य मजदूर भी इस प्लेटफॉर्म को इस्तेमाल कर सकते हैं। जिनके पास व्हाट्सऐप या स्मार्टफोन नहीं है, वो लैंडलाइन से मिस्ड कॉल देकर अपने लिए काम ढूंढ सकते हैं।
कैसे करें इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल?
इस पोर्टल पर देशभर के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों का भू-स्थानिक नक्शा दिया गया है। काम की उपलब्धता और कौशल की जरूरत के आधार पर यह पोर्टल मजदूरों को उन मौकों के बारे में बता देता है, जहां उनकी जरूरत होती है। इसका इस्तेमाल करने के लिए इच्छुक व्यक्ति को 72086-35370 नंबर पर 'हाय' लिखकर व्हाट्सऐप मैसेज भेजना होगा। इसके बाद उनसे भाषा पूछी जाएगी और फिर आगे की प्रक्रिया होगी।
लैंडलाइन फोन से इस नंबर पर दें मिस्ड कॉल
यूजर की जानकारी के अनुसार, यह प्लेटफॉर्म उन्हें उसके आसपास मौजूद काम देने वाले लोगों के बारे में बता देगा। फिलहाल यह प्लेटफॉर्म हिंदी और इंग्लिश भाषा में उपलब्ध है। जल्द ही इसमें दूसरी भाषाएं भी जोड़ी जाएंगी। जिन लोगों के पास स्मार्टफोन नहीं है या जो व्हाट्सऐप इस्तेमाल नहीं करते, वो दूसरे लोगों से खुद को रजिस्टर करवा सकते हैं। इसके अलावा 022-67380800 नंबर पर मिस्ड कॉल देकर काम तलाश सकते हैं।
ज्यादा से ज्यादा मजदूरों को प्लेटफॉर्म से जोड़ने का हो रहा काम
देश के कई सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों से इस प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर कराने को कहा गया है ताकि काम के लिए उन्हें आसपास के इलाकों से मजदूर मिल सके। दूसरी तरफ नीति आयोग के पास मौजूद मजदूरों के डाटा को भी इस प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया जा रहा है। इसके अलावा TIFAC ने राज्य सरकारों और जिला प्रशासन को भी मजदूरों से जुड़ा डाटा उपलब्ध कराने को कहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को काम दिया जा सके।