देश में होगी शराब की होम डिलीवरी? सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से विचार करने को कहा
सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान शराब की होम डिलीवरी का समर्थन किया है। शुक्रवार को एक मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि वह इस पर कोई आदेश नहीं दे रही लेकिन राज्यों को इस पर विचार करना चाहिए। बता दें कि केंद्र सरकार के शराब की बिक्री पर लगी रोक को हटाने के बाद देशभर में ठेकों के बाहर लंबी लाइनें देखने को मिली हैं जिनमें सोशल डिस्टेंसिंग के नियम तार-तार हुए हैं।
लॉकडाउन में ढील देते हुए सरकार ने हटाई थी रोक
1 मई को राष्ट्रीय लॉकडाउन को 17 मई तक बढ़ाने का आदेश जारी करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शराब की बिक्री पर लगी रोक को हटा लिया था। आमदनी की कमी के कारण राज्यों की ओर से लगातार इसकी मांग की जा रही थी। सोमवार से जब दुकानें खुलीं तो कई जगहों पर एक-दो किलोमीटर लंबी लाइनें देखी गईं। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की भी जमकर धज्जियां उड़ाई गईं।
सोशल डिस्टेंसिंग के उल्लंघन पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका
मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी और सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील दीपक साई ने कहा कि शराब की दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन मुश्किल है क्योंकि सीमित संख्या में ठेकों को खोला गया है और उनके बाहर भारी भीड़ है। उन्होंने कहा, "मैं केवल इतना चाहता हूं कि शराब की बिक्री की वजह से आम आदमी पर प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए। गृह मंत्रालय को शराब की बिक्री पर स्पष्टीकरण जारी करना चाहिए।"
सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के लिए होम डिलीवरी पर विचार करें राज्य- सुप्रीम कोर्ट
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अशोक भूषण, संजय किशन कौल और बीआर गवई की तीन सदस्यीय बेंच ने कहा, "हम कोई आदेश नहीं देंगे लेकिन राज्यों को सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए शराब की होम डिलीवरी या अप्रत्यक्ष बिक्री पर विचार करना चाहिए।" याचिका को रद्द करते हुए जस्टिस कौल ने याचिकाकर्ता से कहा, "शराब की होम डिलीवरी पर चर्चा चल ही रही है। आप क्या चाहते हैं हम क्या करें?"
भारत में शराब की होम डिलीवरी का कोई कानूनी प्रावधान नहीं
बता दें कि भारत में अभी शराब की होम डिलीवरी और ऑनलाइन डिलीवरी का कोई प्रावधान नहीं है और इंटरनेशनल स्पिरिट्स एंड वाइंस एसोसिएशन ऑफ इंडिया, ऑनलाइन फूड डिलीवरी ऐप जोमैटो और अन्य संगठन लगातार इस ओर प्रयास कर रहे हैं। जोमैटो लॉकडाउन के दौरान शराब की होम डिलीवरी पर विचार भी कर रहा है। हालांकि लॉकडाउन को देखते हुए छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और पंजाब ने शराब की होम डिलीवरी शुरू की है।
अन्य तरीकों से भी भीड़ कम करने की कोशिश में लगे राज्य
शराब की दुकानों के बाहर भीड़ जमा होने से रोकने के लिए सरकारों ने अन्य प्रावधान भी किए हैं। दिल्ली सरकार ने शराब पर टैक्स को 70 प्रतिशत बढ़ा दिया है, वहीं आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश सरकार ने भी टैक्स बढ़ाया है। दिल्ली सरकार ने शराब खरीदने के लिए ई-टोकन की व्यवस्था भी की है ताकि ठेकों के बाहर भीड़ इकट्ठा होने से रोकी जा सके। वहीं तमिलनाडु ने उम्र के हिसाब से समय तय किया है।