सुप्रीम कोर्ट का चुनाव आयोग का आदेश- डिलीट न करें EVM का डाटा
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चुनाव के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के सत्यापन के लिए नीति बनाने के संबंध में दायर याचिका पर सुनवाई की।
इस दौरान कोर्ट ने चुनाव आयोग को सुनवाई जारी रहने तक EVM से किसी भी प्रकार डाटा डिलीट न करने और कोई भी नया डाटा अपलोड न करने का आदेश दिया है।
इसके अलावा, कोर्ट ने आयोग से EVM की जली हुई मैमोरी और माइक्रोकंट्रोलर को लेकर प्रक्रिया की भी जानकारी मांगी है।
प्रकरण
क्या है पूरा मामला?
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ( ADR) के साथ हरियाणा कांग्रेस के नेता सर्व मित्तर और करण सिंह दलाल ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका (PIL) दायर कर EVM के घटकों की मूल जली हुई मेमोरी/माइक्रोकंट्रोलर की जांच के लिए नई नीति बनाने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की गई थी।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा कांग्रेस नेता करण सिंह दलाल की याचिका को खारिज कर दिया था, लेकिन ADR और मित्तर की याचिका पर सुनवाई की।
जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से मांगा जवाब
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने इन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग से चुनाव के बाद EVM की जली हुई मैमोरी और माइक्रोकंट्रोलर को लेकर प्रक्रिया की भी जानकारी मांगी है।
कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग बताए कि इस मुद्दे पर किस मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का पालन किया जाता है।
ऐसे में आयोग फिलहाल EVM से कोई डाटा डिलीट न करें और न ही कोई नया डाटा उसमें अपलोड करे।
टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर की यह टिप्पणी
मुख्य न्यायाधीश खन्ना ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, "यह कोई विरोधात्मक नहीं है। अगर, चुनाव में हारने वाला उम्मीदवार आयोग से स्पष्टीकरण चाहता है तो EVM इंजीनियर उन्हें स्पष्टीकरण देकर संतुष्ट कर सकता है कि EVM से कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है।"
सुप्रीम कोर्ट ने अब इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 3 मार्च से शुरू वाले सप्ताह के लिए निर्धारित की है। तब तक आयोग को जवाब देना होगा।