
सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की कन्नूर विश्वविद्यालय के कुलपति की दोबारा नियुक्ति, क्या है मामला?
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केरल के कन्नूर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ गोपीनाथन रवींद्रन की दोबारा नियुक्ति को रद्द कर दिया है, जिससे केरल सरकार को झटका लगा।
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि कुलपति की नियुक्ति या पुनर्नियुक्ति का अधिकार अधिनियम 1996 के तहत चांसलर (राज्यपाल) को है।
पीठ ने कहा कि चांसलर के अलावा कोई भी वैधानिक प्राधिकारी के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं कर सकता।
फैसला
पीठ ने आगे क्या कहा?
ईटीवी भारत के मुताबिक, न्यायमूर्ति पारदीवाला ने पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए कहा कि अगर वैधानिक प्राधिकारी द्वारा कोई निर्णय किसी ऐसे व्यक्ति के आदेश पर लिया जाता है, जिसकी कोई वैधानिक भूमिका नहीं, तो यह साफतौर पर अवैध होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि कुलपति की पुनर्नियुक्ति में राज्य सरकार का हस्तक्षेप है, जिससे यह दूषित हुई।
पीठ ने इस आदेश के साथ ही फरवरी 2022 में आए हाई कोर्ट के आदेश को भी रद्द कर दिया।
विवाद
केरल में पहली बार किसी कुलपति को दोबारा नियुक्त किया गया
केरल के इतिहास में यह पहली बार है जब गोपीनाथन रवींद्रन की दोबारा नियुक्ति हुई है। इससे पहले राज्य में किसी कुलपति को दोबारा नियुक्ति नहीं मिली थी।
केरल हाई कोर्ट की एक खंडपीठ ने 23 फरवरी, 2022 को विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में रवींद्रन की फिर से नियुक्ति को बरकरार रखने वाले एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ अपील को खारिज कर दिया था।
कुलपति की दोबारा नियुक्ति की अधिसूचना 23 नवंबर, 2021 को जारी हुई थी।