सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार की ज्ञानवापी मस्जिद से संबंधित याचिका, 14 अप्रैल को होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में 14 अप्रैल को वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद से संबंधित मामले पर सुनवाई होगी। इस मामले में कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिस पर सुनवाई के लिए कोर्ट ने हामी भर दी है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के जिस इलाके में शिवलिंग जैसी संरचना मिली थी, उसे सील करने का आदेश दिया था। इसके साथ ही मस्जिद से संबंधित सभी मामलों को सिविल कोर्ट से जिला कोर्ट को ट्रांसफर कर दिया था।
याचिका में क्या कहा गया है?
नई याचिका में सुप्रीम कोर्ट से ज्ञानवापी मस्जिद में सील इलाके को रमजान के चलते खोलने की मांग की गई है। याचिका में मुस्लिम पक्ष ने वजूखाने से सील हटाने का अनुरोध किया है। वकील हुजेफा अहमदी ने रमजान के महीने के चलते कोर्ट से इस मामले की जल्द सुनवाई की मांग की है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में मुस्लिम पक्ष 10 अप्रैल को दोबारा अर्जी दे, जिसके बाद 14 अप्रैल को इस याचिका पर सुनवाई होगी।
याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि ज्ञानव्यापी मस्जिद मामले से संंबंधित सारी याचिकाएं 21 अप्रैल को सुनवाई के लिए आएंगी, लेकिन मुस्लिम पक्ष 10 अप्रैल को फिर से केस को मेंशन करे और कोर्ट इस केस पर 14 अप्रैल को विचार करेगा। गौर हो कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल नवंबर में सर्वे का कार्य पूरा होने के बाद ज्ञानव्यापी मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग वाले इलाके को सील करने का आदेश दिया था।
सर्वे में मस्जिद के तालाब में मिली थी शिवलिंग जैसी संरचना
वाराणसी की सिविल कोर्ट के आदेश पर कराए गए ज्ञानवापी मस्जिद के वीडियो सर्वे में इसके तालाब (वजूखाने) में शिवलिंग जैसी संरचना मिली थी। हिंदू पक्ष ने इसे शिवलिंग बताया है, जबकि मस्जिद समिति ने इसके फव्वारा होने का दावा किया है। हिंदू पक्ष ने मस्जिद में शेषनाग की आकृति, हिंदू देवी-देवताओं की आकृतियां, त्रिशूल, डमरू और कमल के अवशेष मिलने का दावा भी किया है। सर्वे खत्म होने के बाद से ही ये इलाका सील है।
क्या है ज्ञानवापी मस्जिद से संबंधित मामला?
पांच हिंदू महिलाओं ने वाराणसी जिला कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मौजूद मां शृंगार गौरी की सालभर पूजा करने की इजाजत मांगी है। अभी साल में केवल एक बार पूजा की इजाजत है। उन्होंने मस्जिद में मिली "शिवलिंग" की पूजा करने की इजाजत भी मांगी है। मस्जिद समिति ने इसका विरोध किया है और इसे उपासना स्थल अधिनियम, 1991 का उल्लंघन बताया है, जिसके तहत पूजा स्थल के धार्मिक स्वरूप को बदलने पर रोक है।
न्यूजबाइट्स प्लस
ज्ञानवापी मस्जिद से संबंधित विवाद सदियों पुराना है। हिंदू पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद को मुगल शहंशाह औरंगजेब के निर्देश पर बनाया गया था और इसके लिए काशी विश्वनाथ मंदिर के एक हिस्से को तोड़ा गया था। उनका कहना है कि मस्जिद मंदिर की जमीन पर बनी हुई है। दूसरी तरह मस्जिद समिति का कहना है कि मंदिर का मस्जिद से कोई संबंध नहीं है और ये अलग जमीन पर बनी हुई है।