सुप्रीम कोर्ट ने 'देशहित' में ED निदेशक एसके मिश्रा का कार्यकाल 15 सितंबर तक बढ़ाया
सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के निदेशक संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल 15 सितंबर तक बढ़ा दिया है। इससे पहले 11 जुलाई को कोर्ट ने मिश्रा के कार्यकाल विस्तार को अवैध बताया था और कहा था कि उनका कार्यकाल अब नहीं बढ़ाया जा सकता। इसके बाद सरकार ने दोबारा सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जिस पर आज सुनवाई में मिश्रा के कार्यकाल विस्तार को मंजूरी मिल गई है।
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने क्या दलील दी?
केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, "कुछ दिनों में देश में वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (FATF) की टीम आने वाली है। ये एक बेहद असाधारण स्थिति है। FATF के रिव्यू से देश की रैंकिंग निर्भर करती है, इसलिए मिश्रा के कार्यकाल को बढ़ाने की जरूरत है।" इस पर जस्टिस बीआर गवई ने कहा, "क्या आप यह छवि नहीं बना रहे हैं कि बाकी सभी अधिकारी अयोग्य हैं? सिर्फ एक ही अधिकारी सक्षम है।"
'देशहित' में बढ़ाया गया कार्यकाल विस्तार
कोर्ट में मेहता ने कहा, "देश मजबूत स्थिति में है। हमें इसे दुनिया के सामने रखना है। FATF रिव्यू के लिए ED के काम मे निरंतरता बनाए रखना जरूरी है। ये देश की क्रेडिट रेटिंग और अंतर्राष्ट्रीय छवि से भी सीधा जुड़ा है।" इस पर कोर्ट ने कहा कि केंद्र के आवेदन पर केवल इसलिए विचार किया जा रहा है क्योंकि यह देशहित में है। सरकार ने 15 अक्टूबर तक विस्तार मांगा था, लेकिन कोर्ट ने 15 सितंबर तक दिया।
मिश्रा का ये आखिरी कार्यकाल विस्तार
कोर्ट ने साफ कर दिया है कि मिश्रा का कार्यकाल बढ़ाने को लेकर अब आगे सुनवाई नहीं होगी, यानी मिश्रा का ये आखिरी सेवा विस्तार है। बता दें कि मिश्रा का ये तीसरा कार्यकाल विस्तार है। उन्हें नवंबर, 2018 में 2 साल के लिए ED निदेशक नियुक्त किया गया था। नवंबर, 2020 में उनका कार्यकाल 1 साल के लिए बढ़ाया गया था। नवंबर, 2021 और नवंबर, 2022 में इसे केंद्र सरकार ने फिर बढ़ा दिया था।
क्या है कार्यकाल विस्तार को लेकर विवाद?
सुप्रीम कोर्ट ने 2021 के अपने फैसले में कहा था कि सेवानिवृत्ति की उम्र के बाद निदेशक के पद पर रहने वाले अधिकारियों का कोई भी सेवा विस्तार कम अवधि का होना चाहिए। कोर्ट ने ये भी स्पष्ट किया था कि मिश्रा का कार्यकाल नवंबर, 2021 से आगे नहीं बढ़ेगा। इसके बाद सरकार ने केन्द्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम (CVC) में बदलाव कर मिश्रा का कार्यकाल बढ़ा दिया था। इसे कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला समेत कई लोगों ने चुनौती दी थी।
याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या फैसला सुनाया था?
कांग्रेस नेताओं की याचिकाओं पर पिछले साल 12 दिसंबर को कोर्ट ने केंद्र और अन्य पक्षकारों से जवाब मांगा था। 11 जुलाई, 2023 को कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए मिश्रा के कार्यकाल विस्तार को अवैध बताया था। कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया था कि वो 15 दिन के भीतर ED के नए निदेशक की नियुक्ति करे। केंद्र सरकार ने इस फैसले के खिलाफ दोबारा सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।