दिल्ली पर केंद्र के अध्यादेश की प्रति जलाएंगे अरविंद केजरीवाल, सुप्रीम कोर्ट में भी दी चुनौती
क्या है खबर?
दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग पर केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलााफ आम आदमी पार्टी (AAP) ने अब सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में AAP सरकार ने कहा कि केंद्र सरकार के अध्यादेश पर तुरंत रोक लगाई जाए।
AAP ने इसके विरोध के लिए व्यापक तैयारी भी कर ली है। 3 जुलाई को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खुद सभी मंत्रियों और पार्टी विधायकों के साथ मिलकर पार्टी मुख्यालय पर अध्यादेश की प्रतियां जलाएंगे।
योजना
अध्यादेश के खिलाफ ये है AAP की योजना
रिपोर्ट के मुताबिक, 3 जुलाई को केजरीवाल दिल्ली के मंत्री और विधायकों के साथ पार्टी मुख्यालय पर अध्यादेश की प्रतियां जलाएंगे।
5 जुलाई को दिल्ली के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में अध्यादेश की प्रतियां जलाने का कार्यक्रम किया जाएगा।
6 से 13 जुलाई तक दिल्ली के हर मोहल्ले और चौराहे पर अध्यादेश की प्रतियां जलाई जाएंगी।
बता दें कि कई दिनों से केजरीवाल अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं।
बयान
AAP प्रवक्ता बोले- केंद्र सरकार बदला लेना चाहती है
AAP के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फेंस में कहा कि केंद्र सरकार बदला लेना चाहती है।
उन्होंने कहा, "दिल्ली की जनता ने 2013 में पहली बार अरविंद केजरीवाल को अपना मुख्यमंत्री बनाया, फिर 2015 और 2020 में फिर चुना। देश के सबसे प्रसिद्ध मुख्यमंत्री के तौर पर उनका नाम है। भाजपा ने तीनों चुनावों में अपनी केंद्र सरकार के साथ जोर लगाया, लेकिन कुछ नहीं हुआ। अब केंद्र सरकार बदला लेना चाहती है।"
पार्टी
अध्यादेश के खिलाफ केजरीवाल को मिला इन पार्टियों का साथ
केजरीवाल अध्यादेश के खिलाफ लगातार विपक्ष के नेताओं से मुलाकात कर समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्हें अब तक भारत राष्ट्र समिति (BRS), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI), द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) समेत अन्य कई क्षेत्रीय पार्टियों का समर्थन मिला है
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार भी केजरीवाल के समर्थन में हैं।
कांग्रेस
अध्यादेश पर कांग्रेस ने बनाई दूरी
बता दें कि अध्यादेश पर केजरीवाल को कांग्रेस का साथ नहीं मिला है। केजरीवाल 2 बार कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात का समय मांग चुके हैं।
पटना में हुई विपक्षी पार्टियों की बैठक के बाद AAP ने कहा था कि अगर कांग्रेस अध्यादेश का विरोध नहीं करेगी तो AAP विपक्षी पार्टियों से गठबंधन नहीं करेगी।
दिल्ली और पंजाब के कांग्रेस नेताओं ने आलाकमान से केजरीवाल का समर्थन नहीं करने की अपील की है।
मामला
क्या है अध्यादेश का मामला?
सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने 11 मई को अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग से जुड़े अधिकार दिल्ली सरकार को दे दिए थे।
इसके बाद 19 मई को केंद्र ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) अध्यादेश जारी किया।
इसके जरिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बेअसर कर दिया गया और दिल्ली में नौकरशाहों के ट्रांसफर और पोस्टिंग पर अंतिम फैसले का अधिकार फिर से उपराज्यपाल को दे दिया गया। केजरीवाल इसी अध्यादेश का विरोध कर रहे हैं।