केंद्र को बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने ED निदेशक के कार्यकाल विस्तार को अवैध करार दिया
प्रवर्तन निदेशालय (ED) के निदेशक संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल बढ़ाने के मामले में केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने मिश्रा के कार्यकाल विस्तार को अवैध बताया है। कोर्ट ने कहा कि ED निदेशक का कार्यकाल तीसरी बार नहीं बढ़ेगा और उन्हें 31 जुलाई तक दफ्तर खाली करना होगा। कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि वो 15 दिन के भीतर ED के नए निदेशक की नियुक्ति करे।
कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई
मामले की सुनवाई जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संजय करोल की पीठ ने की। पीठ ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि उसे कार्यकाल बढ़ाने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने कहा कि मिश्रा का कार्यकाल विस्तार 2021 के सुप्रीम कोर्ट की डिविजन बेंच के उस फैसले के खिलाफ है, जिसमें कोर्ट ने मिश्रा को नवंबर, 2021 के बाद कार्यकाल विस्तार नहीं देने को कहा था।
केंद्र सरकार के लिए थोड़ी राहत भी
कोर्ट ने फैसले में केंद्र सरकार को थोड़ी राहत भी दी है। कोर्ट ने केन्द्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम (CVC) और दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम (DSPE) में किये गए संशोधन की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा है। इन संशोधन के जरिए केंद्र सरकार केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और ED निदेशक का कार्यकाल 3 साल तक बढ़ा सकती है। कोर्ट ने कहा कि जनहित में उच्च स्तरीय अधिकारियों को कार्यकाल विस्तार दिया जा सकता है।
क्या है पूरा मामला?
मिश्रा को नवंबर, 2018 में ED निदेशक नियुक्त किया गया था। उनका यह कार्यकाल नवंबर, 2020 तक था, जिसे बाद में 1 साल के लिए बढ़ा दिया गया। इस दौरान मई, 2020 में वे सेवानिवृत्ति की उम्र (60 साल) को पार कर गए। नवंबर, 2021 में मिश्रा का कार्यकाल एक बार फिर बढ़ा दिया गया, जो 17 नवंबर, 2022 को खत्म होना था। बाद में केंद्र सरकार ने इसे तीसरी बार बढ़ा दिया।
क्या था सुप्रीम कोर्ट का 2021 वाला फैसला?
सुप्रीम कोर्ट ने 2021 के अपने फैसले में कहा था कि सेवानिवृत्ति की उम्र के बाद निदेशक के पद पर रहने वाले अधिकारियों का कोई भी सेवा विस्तार कम अवधि का होना चाहिए। कोर्ट ने ये भी स्पष्ट किया था कि मिश्रा का कार्यकाल नवंबर, 2021 से आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। तब केंद्र सरकार ने दलील दी थी कि मिश्रा के कार्यकाल का विस्तार CVC अधिनियम में किए गए संशोधनों के तहत है।
कार्यकाल विस्तार को इन नेताओं ने दी थी चुनौती
मिश्रा के कार्यकाल विस्तार को कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला, जया ठाकुर और तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता महुआ मोइत्रा समेत कई लोगों ने चुनौती दी थी। 12 दिसंबर को इन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र और अन्य पक्षकारों से जवाब मांगा था। मिश्रा 1984 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (IRS) अधिकारी हैं। उन्हें आर्थिक और टैक्स से जुड़े मामलों का विशेषज्ञ माना जाता है। वे दिल्ली आयकर विभाग के मुख्य आयुक्त भी रह चुके हैं।