सुप्रीम कोर्ट ने सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका खारिज की, तुरंत आत्मसमर्पण करने को कहा
सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित एक मामले में दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने उन्हें तुरंत आत्मसमर्पण करने को कहा है। जैन को स्वास्थ्य आधार पर जमानत मिली हुई थी और वे जेल से बाहर थे। इससे पहले वे लगभग एक साल जेल में रहे थे। न्यायाधीश बेला एम त्रिवेदी और पंकज मित्तल की पीठ ने ये फैसला सुनाया है।
सत्येंद्र जैन पर क्या आरोप हैं?
जैन पर आरोप है कि उन्होंने अपने परिजनों और रिश्तेदारों के साथ मिलकर 2011-12 में 11.78 करोड़ रुपये और 2015-16 में 4.63 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग के लिए 4 फर्जी कंपनियां बनाई थीं। जैन पर आय से अधिक संपत्ति का भी आरोप है, जिसके बाद अप्रैल, 2022 में उनकी 4.81 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई थी। मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने जांच की, फिर इसके आधार पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जांच शुरू की।
मई, 2022 से मई, 2023 तक जेल में रहे थे जैन
बता दें कि जैन मामले में मई, 2022 से मई, 2023 तक जेल में रहे थे। ED ने 30 मई, 2022 को उन्हें गिरफ्तार किया था और सुप्रीम कोर्ट ने 26 मई, 2023 को उन्हें जमानत दी थी। इसके बाद उनकी जमानत बढ़ती गई, लेकिन इस बार सुप्रीम कोर्ट ने इसे बढ़ाने से इनकार कर दिया। उन्हें दिल्ली से बाहर न जाने और मीडिया के सामने बयान न देने जैसी शर्तों के आधार पर जमानत मिली हुई थी।
गिरफ्तारी के 9 महीने बाद तक जेल में रहे थे जैन
बता दें कि जैन आम आदमी पार्टी (AAP) की दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे और जेल जाने के बाद भी वे कई महीनों तक मंत्री रहे थे। गिरफ्तारी के लगभग 9 महीने बाद 28 फरवरी, 2023 को उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दिया था। इसके कारण भाजपा और कांग्रेस ने AAP पर जमकर निशाना साधा था। जैन को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का काफी करीबी माना जाता है और वे AAP के सबसे अहम नेताओं में से एक थे।
जैन को तिहाड़ जेल में विशेष सुविधाएं मिलने पर हुई था विवाद
जैन को तिहाड़ जेल में विशेष सुविधाएं मिलने का आरोप भी लगा था। उनके कोठरी के अंदर मसाज कराने का CCTV वीडियो सामने आया था। इसके अलावा ED ने आरोप लगाया था कि उनकी पत्नी पूनम जैन उनसे मिलने जेल की कोठरी में आती हैं और उन्हें घर का खाना पहुंचाया जाता है। ED ने जैन के अन्य सह-आरोपियों से मिलने का आरोप भी लगाया था। मामले में तिहाड़ जेल के अधीक्षक अजीत कुमार को निलंबित कर दिया गया था।