सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले चंडीगढ़ मेयर का इस्तीफा, 3 AAP पार्षद भाजपा में शामिल
सुप्रीम कोर्ट में आज चंडीगढ़ मेयर चुनाव में मामले में अहम सुनवाई होनी है। इससे पहले देर शाम भाजपा नेता मनोज सोनकर ने मेयर पद से इस्तीफा दे दिया। इस बीच आम आदमी पार्टी (AAP) के 3 पार्षद भी भाजपा में शामिल हो गए हैं। दरअसल, सोनकर ने हाल में चंडीगढ़ मेयर का चुनाव जीता था और AAP की तरफ से चुनाव परिणामों में धांधली को लेकर कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी।
क्या है मामला?
30 जनवरी को चंडीगढ़ मेयर का चुनाव हुआ था। इसमें 20 वोट होने के बावजूद भी AAP-कांग्रेस का गठबंधन हार गया था, वहीं 16 वोट होने पर भी भाजपा जीत गई थी। ऐसा इसलिए हुआ था क्योंकि पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने AAP-कांग्रेस गठबंधन के 8 वोट अमान्य करार दे दिए थे। इस निर्णय को लेकर AAP ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में तल्ख टिप्पणी करते हुए पीठासीन अधिकारी को जमकर फटकार लगाई।
सुनवाई के पहले कांग्रेस-AAP गठबंधन को लगा झटका
चंडीगढ़ की नगर निगम में कुल 35 सीटें हैं। इसमें भाजपा के 14 और शिरोमणि अकाली दल (SAD) का एक पार्षद है और एक वोट चंडीगढ़ सांसद का भी है। दूसरी ओर AAP के पास 13 और कांग्रेस के पास 7 पार्षद हैं। सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पहले AAP के 3 पार्षदों के पाला बदलने से विपक्षी गठबंधन को बड़ा झटका लगा है। अब भाजपा गठबंधन के पक्ष में कुल 19 पार्षद हैं, जो बहुमत का आंकड़ा चाहिए।
भाजपा में शामिल हुए AAP के 3 पार्षद
भाजपा महासचिव विनोद तावड़े ने AAP पार्षदों को दिलाई सदस्यता
रविवार देर शाम को एक बदलते राजनीतिक घटनाक्रम में चंडीगढ़ नगर निगम के AAP पार्षद पूनम देवी, नेहा मुसावत और गुरचरण काला दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो गए। इन पार्षदों का कहना है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों से बहुत प्रभावित हैं और इसलिए वह भाजपा में शामिल हुए। उनका आरोप है कि AAP ने उनसे विकास के झूठे वादे किए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव में धांधली को लेकर की थी तल्ख टिप्पणी
5 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए चंड़ीगढ़ मेयर चुनाव में हुई धांधली को 'लोकतंत्र की हत्या' करार दिया था। मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि वीडियो में साफ दिख रहा है कि पीठासीन अधिकारी ने CCTV कैमरे में देखकर बैलेट पेपर पर निशाना लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये लोकतंत्र का मजाक है और इस व्यक्ति (पीठासीन अधिकारी) पर बैलेट पेपर के साथ छेड़छाड़ करने के मामले में मुकदमा चलना चाहिए।