सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की हाथरस पीड़िता के परिजन को सरकारी नौकरी के खिलाफ दायर याचिका
क्या है खबर?
हाथरस रेप पीड़िता के परिवार के एक सदस्य को रोजगार देने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया।
पीड़ित दलित महिला के परिजन को रोजगार देने के खिलाफ याचिका उत्तर प्रदेश सरकार ने लगाई थी।
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा, "राज्य को ऐसे निर्देशों को चुनौती नहीं देनी चाहिए। ये परिवार को प्रदान की जाने वाली सुविधाएं हैं। हमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।"
टिप्पणी
पीठ राज्य की अपील पर विचार न करने पर अड़ी रही
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीठ ने संक्षिप्त आदेश में राज्य की अपील को खारिज कर कहा कि कोर्ट मामले के विशेष तथ्यों और परिस्थितियों में हस्तक्षेप करने की इच्छुक नहीं। पीठ इस बात पर अड़ी रही कि वह राज्य की अपील पर विचार नहीं करेगी।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जुलाई, 2022 में कहा था कि राज्य के अधिकारियों को 30 सितंबर, 2020 को एक सदस्य को रोजगार देने के लिए परिवार से लिखित में किए वादे का पालन करना चाहिए।
मामला
क्या है मामला?
14 सितंबर, 2020 को हाथरस स्थित एक गांव की 19 वर्षीय दलित युवती से गांव के चार उच्च जाति के युवकों ने कथित तौर पर गैंगरेप किया था।
दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। आनन-फानन में पुलिस ने परिजनों को घर में बंद करके आधी रात को उसका अंतिम संस्कार कर दिया था।
मामले में कोर्ट ने चार आरोपियों में एक को दोषी ठहराते हुए तीन अन्य को बरी कर दिया था।