लॉकडाउन के बाद राजधानी दिल्ली में दुर्घटनाओं और अपराधों में आई भारी कमी
क्या है खबर?
कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में हाहाकार मचा रखा है। सरकारें इससे बचने के लिए लॉकडाउन सहित कई बड़े कदम उठा रही है।
भारत में भी इसके प्रसार को रोकने के लिए गत 25 मार्च से लॉकडाउन चल रहा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कोरोना से बचाव के लिए लगाए गए इस लॉकडाउन ने राजधानी दिल्ली में 'राम राज' सा स्थापित कर दिया है।
लॉकडाउन की अवधि में दिल्ली में होने वाले अपराधों में भारी कमी आई है।
कोई वारदात नहीं
जबरन वसूली और बहला-फुसलाकर भगा ले जाने का नहीं आया एक भी मामला
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार देश में गत 22 मार्च को लगाए गए जनता कर्फ्यू के बाद से 31 मार्च तक जबरन वसूली और बहला-फुसलाकर भगा ले जाने का एक भी मामला सामने नहीं आया है।
1 से 21 मार्च तक बहला-फुसलाकर भगा ले जाने के 29 मामले दर्ज किए गए थे।
इसी तरह जबरन वसूली की आठ घटनाएं हुई थीं। ऐसे में लॉकडाउन में पुलिस की चौकसी और कोरोना के डर ने इन अपराधों को खत्म कर दिया।
हत्या और दुष्कर्म
हत्या और दुष्कर्म के मामलों में आई बड़ी गिरावट
दिल्ली में 1 से 21 मार्च के बीच हत्या की 41 और दुष्कर्म की 99 वारदातें हुई थीं। इसके बाद 22 से लेकर 31 मार्च के बीच हत्या के वारदातें 83 प्रतिशत घटकर महज सात रह गई।
इसी तरह दुष्कर्म की वारदातें 88 प्रतिशत घटकर 12 वारदात पर आ गई हैं।
मार्च के पहले तीन सप्ताह में डकैती की 123 वारदातें हुई थीं। लॉकडाउन में इन वारदातों में 89 प्रतिशत की कमी आई और महज 14 वारदातें हुईं।
सड़क दुर्घटना
सड़क दुर्घटनाओं में आई भारी कमी
पुलिस से मिले आंकड़ों के अनुसार राजधानी दिल्ली में 22 से 31 मार्च के बीच सड़क दुर्घटनाओं में आठ लोगों की मौत हुई है। इसके उलट 1 से 21 मार्च के बीच 63 लोगों की मौत हुई थीं।
बता दें कि दिल्ली में प्रतिदिन औसतन चार लोगों की मौत के हिसाब से प्रतिवर्ष 1,600 लोगों की दुर्घटना में मौत होती है, लेकिन लॉकडाउन में वाहनों का संचालन बंद होने से इन सड़क दुर्घटनाओं पर ब्रेक लग गया है।
जानकारी
पिस्तौल की जगह सैनिटाइजर की बोतल रख रही पुलिस
वारदातों में आई कमी का असर है कि दिल्ली पुलिस अब अपराधियों पर नजर रखने की जगह लॉकडाउन में फंसे लोगों के भोजन-पानी की व्यवस्था पर ध्यान दे रही है। अधिकरत पुलिसकर्मियों की जेब में पिस्तौल की जगह सैनिटाइजरों की बोतलें नजर आ रही हैं।
वाहन चोरी
वाहन चोरी की वारदातों में आई 84 प्रतिशत की कमी
राजधानी दिल्ली देश में वाहन चोरी के लिए बदनाम हैं। यह प्रतिदिन औसतन 140 वाहन चोरी होते हैं, लेकिन कोरोना वायरस के डर और लॉकडाउन ने ग्राफ को बहुत नीचे ला दिया है।
1 से 21 मार्च के बीच दिल्ली में कुल 2,486 वाहन चोरी की वारदात हुई थी, जो 22 से 31 मार्च के बीच 84 प्रतिशत घटकर 409 पर आ गई।
इसी तरह महिला अत्याचार के मामले 161 से गिरकर लॉकडाउन में 11 पर आ गए हैं।
अपहरण
अपहरण के मामलों में आई 87 प्रतिशत की कमी
दिल्ली में साल में प्रत्येक सप्ताह औसतन 100 मामले अपहरण के दर्ज किए जाते हैं। यही कारण है कि 1 से 21 मार्च तक 325 अपहरण के मामले दर्ज किए गए थे, लेकिन लॉकडाउन अवधि में यह 87 प्रतिशत घटकर 43 पर आ टिके हैं।
इसी तरह यहां प्रत्येक सप्ताह चेन स्नैचिंग की औतसन 150 वारदतें होती हैं। मार्च के पहले तीन सप्ताह में इसकी 474 वारदातें हुई थी, लेकिन लॉकडाउन में यह 49 ही रह गई हैं।
बयान
अपराधों में आई कमी से पुलिस को मिली राहत
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त एमएस रंधावा ने बताया कि लॉकडाउन में दिल्ली में आई अपराधों में कमी से पुलिस को बड़ी राहत मिली हैं।
पुलिस अब घरों में फंसे लोगों की मदद में जुटी है। यही कारण है कि पुलिस हेल्पलाइन नंबर पर आने वाली प्रत्येक कॉल पर जाकर लोगों का सहयता मुहैया करा रही है।
उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस ने लॉकडाउन की अवधि में अपने वाहनों से 143 गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाया है।