JNU हिंसा: अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं, छात्रों के समर्थन में देशभर में प्रदर्शन
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में नकाबपोश गुंडों द्वारा छात्रों और अध्यापकों पर किए गए हमले के 36 से ज्यादा घंटे बीत चुके हैं, लेकिन इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। यह हाल तब है जब हमला करने वाले कई बदमाशों की फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं। पुलिस ने कहा कि अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है, लेकिन क्राइम ब्रांच इसकी जांच कर रही है और सबूत जुटाए जा रहे हैं।
JNU में क्या हुआ था?
रविवार शाम को कई नकाबपोश गुंडों ने यूनिवर्सिटी कैंपस में घुसकर छात्रों और अध्यापकों के साथ मारपीट की। कई घंटे तक चले इस तांडव में गुंडों ने हॉस्टल में घुसकर तोड़फोड़ की और छात्रों को बुरी तरह पीटा। सोशल मीडिया पर इनकी करतूत वायरल हो रही है। इस हमले में छात्र और शिक्षकों समेत कुल 34 लोग घायल हुए थे, जिन्हें इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है। इस घटना के पर राजनीति भी तेज हो गई है।
JNU के बाहर तैनात पुलिस
लेफ्ट और ABVP एक-दूसरे पर लगा रहे आरोप
JNU छात्र संघ और विपक्षी पार्टियों ने इस हिंसा के लिए भाजपा से जुड़े अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) को जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस ने ABVP के कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई नहीं की। वहीं ABVP ने इन आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि वामपंथी संगठनों के गुंडों ने उन पर हमला किया था। ABVP ने दावा किया कि उसके कई कार्यकर्ता घायल हुए हैं, लेकिन मीडिया के सामने केवल एक चोटिल कार्यकर्ता को लाया गया।
JNUSU अध्यक्ष ने क्या कहा?
JNU छात्र संघ अध्यक्ष आइषी घोष को इस हमले में बुरी तरह पीटा गया। उनके सिर में 15 टांके आए हैं और हाथ में फ्रैक्चर हुआ है। उन्होंने कहा कि पिछले 4-5 दिन से RSS से जुड़े कुछ प्रोफेसर हिंसा भड़काने की कोशिश कर रहे थे। घोष ने कहा कि 20-25 नकाबपोश गुंडों ने उन्हें निशाना बनाकर उन पर हमला किया और उन्हें लोहे की रॉड से पीटा गया। लहुलुहान हालत में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
छात्रों ने मांगा JNU VC का इस्तीफा
रविवार को हुए हमले का विरोध कर रहे छात्रों ने यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर (VC) का इस्तीफा मांगा है। छात्रों का कहना है कि VC पूरी घटना के दौरान हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे और अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं किया।
JNU के समर्थन में आए कई यूनिवर्सिटी के छात्र
JNU कैंपस में हुई हिंसा के विरोध में देशभर की यूनिवर्सिटी के छात्र उतर आए हैं। सोमवार को चंडीगढ़ से लेकर कोलकाता तक की यूनिवर्सिटी में छात्रों ने JNU छात्रों के समर्थन में मार्च निकाले। पुड्डुचेरी यूनिवर्सिटी, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, IIM बेंगलुरू, IIT मुंबई, पटना यूनिवर्सिटी, जामिया यूनिवर्सिटी आदि के छात्रों ने हिंसा के विरोध में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि आज JNU को निशाना बनाया गया है, कल उन्हें बनाया जा सकता है।
मुंबई में सड़कों पर उतरीं फिल्मी हस्तियां
JNU में हुई हिंसा के विरोध में फिल्मी हस्तियां भी उतर आई हैं। सोमवार शाम को इस घटना के विरोध में बांद्रा स्थित कार्टर रोड पर एक प्रदर्शन का आयोजन किया गया। इसमें पहुंचने वालों में तापसी पन्नू, दीया मिर्जा, अनुराग कश्यप, अनुभव सिन्हा, राहुल बोस, गौहर खान, ऋचा चड्ढा, अली फजल, स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा, निर्देशक वासन बाला, हंसल मेहता, फिल्मकार जोया अख्तर और गीतकार स्वानंद किरकिरे आदि शामिल थे। इन्होंने गाने और कविताएं आदि गाकर प्रदर्शन किया।
कार्टर रोड पर जमा प्रदर्शनकारी
गेटवे से आजाद मैदान भेजे गए प्रदर्शनकारी
JNU हिंसा के विरोध में मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर डटे प्रदर्शनकारियों को मुंबई पुलिस ने वहां से उठाकर आजाद मैदान में भेज दिया है। पुलिस ने कहा कि गेटवे ऑफ इंडिया के पास प्रदर्शनकरने की इजाजत नहीं है और यहां भीड़ जुटने से लोगों और पर्यटकों को परेशानी होती है। मंगलवार सुबह जब पुलिस प्रदर्शनकारियों को हटाने पहुंची तो दोनों के बीच धक्का-मुक्की हुई। इसके बाद पुलिस ने वैन में भरकर प्रदर्शनकारियों को आजाद मैदान में छोड़ दिया।