लॉकडाउन: आंध्र प्रदेश में फंसे बेटे को 1,400 किलोमीटर स्कूटी चलाकर घर लाई 50 वर्षीय मां
क्या है खबर?
पूरी दुनिया में आतंक मचाने वाले कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए इन दिनों भारत में लॉकडाउन चल रहा है।
लॉकडाउन के बाद अन्य राज्यों और शहरों में फंसे अधिकतर श्रमिक और कर्मचारी पैदल चलकर अपने घर पहुंचे तो कुछ के लिए सरकार ने वाहनों की व्यवस्था कर दी।
इसी बीच तेलंगाना के निजामाबाद निवासी एक 50 वर्षीय महिला ने अपने बेटे को लाने के लिए स्कूटी से 1,400 किलोमीटर का सफर तय कर लिया।
प्रकरण
बेटे की घर वापसी के लिए उठाया कदम
निजामाबाद के बोधन में शिक्षक के पद पर कार्यरत रजिया बेगम ने बताया कि लॉकडाउन के बाद उसका 17 वर्षीय बेटा मोहम्मद निज़ामुद्दीन आंध्र प्रदेश के नेल्लूर में अपने दोस्तों के साथ फंस गया था।
बोधन से नेल्लूर की दूरी 700 किलोमीटर है। उसके बेटे ने वापस लौटने का काफी प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली।
ऐसे में उसने खुद ही बेटे को लाने का निर्णय किया और स्कूटी पर 1,400 किलोमीटर का सफर तय कर उसे वापस ले आई।
जानकारी
सहायक पुलिस आयुक्त ने की रजिया की मदद
रजिया की इस यात्रा में सहायक पुलिस आयुक्त जयपाल रेड्डी ने बड़ी मदद की। उन्होंने रजिया को यात्रा पास दिया और आंध्र प्रदेश पुलिस से भी उसे राज्य में प्रवेश देने की अपील की। इस पास के कारण ही वह अपनी यात्रा पूरी कर पाई।
परेशानी
बेटे से मिलने की लालसा में सुनसान सड़कों पर भी नहीं लगा डर
रजिया ने बताया कि उसके पति की 12 साल पहले बीमारी से मौत हो गई थी। उसके बाद उसी ने अपने बेटे और बेटी की परवरिश की हैं।
कोरोना महामारी में अपने बेटे के घर से दूर होने के कारण उससे रहा नहीं गया और वह उसे लेने के लिए निकल गई।
उसने बताया कि पूरे सफर में सड़कें सुनसान थीं। रास्ते में पुलिस के अलावा उसे कोई नहीं मिला। वह डरी नहीं और बेटे को लेकर वापस आ गई।
MBBS
MBBS प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहा है निज़ामुद्दीन
रजिया ने बताया कि उसका बीटा निजामुद्दीन MBBS प्रवेश परीक्षा के लिए हैदराबाद में कोचिंग कर रहा है।
वह गत 12 मार्च को अपने दोस्त को नेल्लोर छोड़ने गया था। उस दौरान वह कुछ दिन वहीं रुक गया।
उसके बाद सरकार ने लॉकडाउन की घोषणा कर दी। इसके कारण वह वापस नहीं लौट सका।
इसके बाद उसने अपने बेटे को वापस लाने के लिए सहायक पुलिस आयुक्त से संपर्क किया और अपने बेटे को वापस लाने के लिए मदद मांगी।
जानकारी
पास होने के बाद पुलिस ने रजिया को कई जगह पर रोका
रजिया ने बताया कि उसे कई जगह पुलिस ने रोक लिया था। उसने यात्रा पास दिखाया तो पुलिसर्मियों ने पहले उसकी जानकारी ली और बाद में उसे आगे जाने दिया। आंध्र प्रदेश की सीमा पर तो उसे रोककर लंबी पूछताछ की गई थी।
सराहना
बेटे को लाने के लिए रजिया के जज्बे की हो रही सराहना
जिंदगी के आधे पड़ाव पर स्कूटी से इतना लंबा सफर तय करते हुए अपने बेटे को लाने के लिए रजिया के जज्बे की जमकर सराहना हो रही है। हर कोई इस मां-बेटे की प्यार की मिसाल दे रहा है।
सहायक पुलिस आयुक्त ने कहा कि वह रजिया के दृढ संकल्प से बहुत प्रभावित हैं। वह 700 किलोमीटर का सफर करने के बाद भी नेल्लोर में नहीं रुकी और महज तीन दिन में अपने बेटे को लेकर वापस बोधन आ गई।
जानकारी
प्रधानमंत्री ने की थी लॉकडाउन की घोषणा
गत 24 मार्च रात आठ बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कोरोना से लड़ने के लिए 25 मार्च से पूरे देश में 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की थीं। उन्होंने लोगों से घरों में ही रहने की अपील की थीं।
पैदल सफर
पैदल तय किया राजस्थान से बिहार तक का सफर
बता दें कि लॉकडाउन के बाद निजी कंपनियों और फैक्ट्री में काम करने वाले हजारों श्रमिकों ने अपने घर पहुंचने के लिए पैदल ही सफर करना शुरू कर दिया था।
14 युवक को तो राजस्थान से बिहार तक के सफर के लिए पैदल ही निकल पड़े थे। इस दौरान युवकों को होटल व दुकानें बंद होने के कारण कई दिनों तक भूखा रहना पड़ा था।
बाद में सरकार ने ऐसे लोगों के रहने और खाने की व्यवस्था की थी।