
तुर्की की विमानन कंपनी को झटका, सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के खिलाफ याचिका खारिज
क्या है खबर?
तुर्की की विमानन कंपनी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (CASIPL) को सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा रहा है। कोर्ट ने कंपनी की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उसने राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं के चलते केंद्र सरकार की ओर से उसकी सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के फैसले को चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने कहा कि सरकार के फैसले में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण विचार शामिल हैं।
टिप्पणी
कोर्ट ने याचिका पर क्या की टिप्पणी?
जस्टिस सचिन दत्ता की पीठ ने सुनवाई के दौरान तुर्की स्थित ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी सेलेबी की याचिका खारिज करते हुए कहा कि कंपनी की सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के फैसले में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण विचार शामिल हैं, जिसके कारण प्रतिवादियों (सरकार) को यह कदम उठाने के लिए बाध्य होना पड़ा। बता दें कि इस मामले में सुनवाई के बाद कोर्ट ने गत 23 मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और अब याचिका को खारिज कर दिया।
प्रकरण
क्या है सुरक्षा मंजूरी रद्द करने का मामला?
भारत की ओर से 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाने के बाद तुर्की ने भारत की निंदा करते हुए पाकिस्तान का समर्थन किया था। उसके बाद भारत में तुर्की के व्यवसायों पर प्रतिबंध लगाने की मांग बढ़ गई थी। इसको देखते हुए नागरिक विमानन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) ने 15 मई को तुर्की की विमानन कंपनी से सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी थी। कंपनी ने इस कदम को मनमाना और अस्पष्ट बताते हुए हाई कोर्ट में फैसले को चुनौती दी थी।
दलील
कंपनी ने कोर्ट में क्या दी थी दलील?
कंपनी ने अपनी याचिका में कहा था, 'केंद्र सरकार का कदम न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है और विमान सुरक्षा नियमों के तहत प्रक्रिया का उल्लंघन है। BCAS के महानिदेशक को याचिकाकर्ताओं को सजा से पहले सुनवाई का अवसर देना चाहिए था और कार्रवाई के ठोस कारण बताने चाहिए थे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।' कंपनी ने यह भी कहा था कि इस फैसले से 3,791 नौकरियां, निवेशकों का भरोसा प्रभावित होगा और जरूरी हवाईअड्डा सेवाएं भी बाधित होंगी।
जानकारी
क्या है सेलेबी का कार्य?
तुर्की की यह कंपनी मुंबई हवाई अड्डे पर लगभग 70 प्रतिशत जमीनी परिचालन का प्रबंधन करती है, जिसमें यात्री सेवाएं, भार नियंत्रण, उड़ान परिचालन, कार्गो और डाक सेवाएं, गोदाम और ब्रिज परिचालन शामिल हैं। सरकार के फैसले से उसे झटका लगा है।
बचाव
सरकार ने किया था अपने फैसले का बचाव
इससे पहले 19 मई को केंद्र सरकार ने कहा था कि विमानन कंपनी की मंजूरी रद्द करने का फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में लिया गया था, क्योंकि कुछ इनपुट के अनुसार याचिकाकर्ता कंपनियों की सेवाएं जारी रखना वर्तमान परिदृश्य में खतरनाक होता। सेलेबी 5 वर्षों से अधिक समय से भारतीय विमानन क्षेत्र में काम कर रही है और 10,000 से अधिक लोग उसके पास नौकरी करते हैं। वह 9 हवाई अड्डों पर अपनी सेवाएं प्रदान करती है।