
रक्षा मंत्री राजनाथ सिहं INS विक्रांत के दौरे पर पहुंचे, जानिए कितना ताकतवर है विमानवाहक पोत
क्या है खबर?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत के दौरे पर पहुंचे हैं। उनका यह दौरा 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता के बाद हो रहा है।
अरब सागर पर तैनात INS विक्रांत पर उन्होंने भारतीय नौसेना के जवान और अधिकारियों से मुलाकात कर उनका हौसला बढ़ाया।
इस दौरान उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' में नौसेना के साथ तीनों भारतीय सेनाओं के पराक्रम की चर्चा की। उस ऑपरेशन में INS विक्रांत भी शामिल था।
भूमिका
INS ने पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में दिखाया था पराक्रम
भारत-पाकिस्तान तनाव के समय 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान नौसेना ने कैरियर बैटल ग्रुप के साथ उत्तरी अरब सागर में अग्रिम पंक्ति पर तैनात किया था, जिसका नेतृत्व INS विक्रांत ने किया।
समूह में डिस्ट्रॉयर और स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट जैसे 8-10 युद्धक जहाज शामिल थे।
इस तैनाती से पाकिस्तान के पसीने छूट गए क्योंकि इसने संदेश दिया कि पाकिस्तान के युद्धपोत और जमीनी ठिकानें भारतीय नौसेना के निशाने पर हैं।
इससे पाकिस्तानी नौसेना कराची नेवल बेस से निकली ही नहीं।
ताकत
कितना ताकतवर है INS विक्रांत?
INS विक्रांत के अंदर 2,300 कंपार्टमेंट हैं। इसमें 16 बेड का अस्पताल भी है, जिसमें दो ऑपरेशन थिएटर, लैब, ICU और CT स्कैन है।
जहाज की लंबाई 262 मीटर, ऊंचाई 60 मीटर और वजन 45,000 टन है। इस पर समुद्र की तेज लहरों का कोई असर नहीं।
INS विक्रांत 1,700 नौसेनिक, 30 लड़ाकू विमान और हेलिकॉप्टर ले जाने में सक्षम है।
जहाज के पीछे के हिस्से में मिग-29K लड़ाकू विमान, कामोव-31 हेलीकॉप्टर और MH-60R मल्टी रोल हेलीकॉप्टर रखे गए हैं।
जानकारी
13 साल में बनकर तैयार हुआ INS विक्रांत
INS विक्रांत का डिजाइन भारतीय नौसेना के वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो (WDB) ने तैयार किया और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) ने बनाया था। यह सितंबर, 2022 में 13 साल बाद बनकर तैयार हुआ था। इसकी लागत 20,000 करोड़ रुपये थी, जिसमें 75 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री है।