
सलमान खुर्शीद ने अनुच्छेद 370 हटाने की तारीफ की, कहा- इससे बड़ी समस्या खत्म हुई
क्या है खबर?
कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने जाने के फैसले की सराहना की है।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 ने लंबे वक्त से कश्मीर के बारे में यह धारणा बनाई हुई थी कि वह भारत से अलग है और सरकार द्वारा इसे हटाए जाने के बाद यह धारणा आखिरकार खत्म हो गई है।
खुर्शीद ने इंडोनीशिया में ये बात कही।
बयान
खुर्शीद बोले- फैसले से क्षेत्र में समृद्धि आई
सलमान खुर्शीद ने कहा, "अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू और कश्मीर को दिए गए विशेष संवैधानिक दर्जे ने अलगाव की भावना को बढ़ावा दिया है। इससे किसी तरह यह आभास होता था कि यह देश के बाकी हिस्सों से अलग है, लेकिन अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया गया और इसे आखिरकार खत्म कर दिया गया।"
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द करने के फैसले से क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव आए हैं और समृद्धि बढ़ी है।
हमला
पहलगाम हमला हालात पहले जैसे करने की कोशिश- खुर्शीद
खुर्शीद ने आगे कहा, "अनुच्छेद 370 हटने के बाद वहां चुनाव हुए और 65 प्रतिशत लोगों ने चुनाव में हिस्सा लिया। आज कश्मीर में एक निर्वाचित सरकार है। पहलगाम में जो कुछ भी हुआ या यहां जो भी आतंकी घटनाएं हो रही हैं, उससे हालात पहले जैसे करने की कोशिश की जा रही है। कश्मीर में जो समृद्धि आई है, उसे वापस गुम करने की कोशिश की जा रही है।"
दौरा
'ऑपरेशन सिंदूर' पर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं खुर्शीद
पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद जनता दल यूनाइटेड (JDU) सांसद संजय कुमार झा के नेतृत्व वाले एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं।
ये प्रतिनिधिमंडल इंडोनेशिया, मलेशिया, दक्षिण कोरिया, जापान और सिंगापुर का दौरा कर 'ऑपरेशन सिंदूर' पर भारत की स्थिति और आतंकवाद पर पाकिस्तान को बेनकाब कर रहा है।
इस प्रतिनिधिमंडल में अपराजिता सारंगी, प्रदान बरूआ, हेमंग जोशी और बृजलाल (सभी भाजपा), जॉन ब्रिटास (CPI-M), खुर्शीद और पूर्व राजनयिक मोहन कुमार शामिल हैं।
POK
खुर्शीद बोले- PoK वापस करे पाकिस्तान
खुर्शीद ने कहा, "भारतीय संसद का लंबे समय से एक सर्वसम्मत प्रस्ताव है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) को खाली करके भारत को वापस दिया जाना चाहिए। भारत सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि बातचीत तभी हो सकती है, जब पाकिस्तान की शांति के प्रति प्रतिबद्धता स्पष्ट हो और आतंकवाद को उसका समर्थन बंद हो जाए। इसमें सिंधु जल संधि को स्थगित करने के बारे में बातचीत भी शामिल है।"