कोरोना वायरस: पूरी दुनिया में सामने आ रहे मामलों में से 38 प्रतिशत अकेले भारत में
भारत एक बार फिर से दुनिया में कोरोना वायरस महामारी का सबसे बड़ा केंद्र बन गया है और अभी पूरी दुनिया में सामने आ रहे मामलों में से 38 प्रतिशत से अधिक मामले केवल भारत में सामने आ रहे हैं। यह पूरी महामारी के दौरान वैश्विक मामलों में किसी भी एक देश की सबसे अधिक हिस्सेदारी है। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार, एक महीने पहले वैश्विक दैनिक मामलों में भारत की हिस्सेदारी मात्र 9 प्रतिशत थी।
दूसरा सबसे अधिक प्रभावित देश है भारत
पूरी दुनिया में भारत कोरोना वायरस महामारी से दूसरा सबसे अधिक प्रभावित देश है और कुल संक्रमितों के मामलों में केवल अमेरिका उससे आगे है। यूनिवर्सिटी के अनुसार, अमेरिका में अब तक 3.21 करोड़ लोगों को संक्रमित पाया जा चुका है और 5.73 लाख लोगों की मौत हुई है। वहीं भारत में 1.76 करोड़ लोगों को संक्रमित पाया जा चुका है और 1.98 लाख लोगों की मौत हुई है। 1.44 करोड़ संक्रमितों के साथ ब्राजील तीसरे स्थान पर है।
भारत में टेस्ट पॉजिटिविटी रेट 25 प्रतिशत से अधिक
टेस्ट पॉजिटिविटी रेट से भी भारत में महामारी के स्तर का अनुमान लगाया जा सकता है। भारत में अभी औसतन 25 प्रतिशत पॉजिटिविटी रेट है और कई राज्यों में तो यह 30-35 प्रतिशत से भी अधिक है। इसकी तुलना में अभी अमेरिका में 7 प्रतिशत और ब्रिटेन में मात्र 0.2 प्रतिशत टेस्ट पॉजिटिविटी रेट है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, महामारी को नियंत्रित करने के लिए पॉजिटिविटी रेट 5 प्रतिशत से कम होनी चाहिए।
बीते दिन सामने आए 3.23 लाख मामले, लेकिन असल संक्रमित बहुत अधिक
बीते दिन भारत में कोरोना वायरस से संक्रमण के 3,23,144 नए मामले सामने आए जो किसी भी देश की तुलना में सबसे अधिक हैं। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि यह आंकड़ा भी ठीक नहीं है और असल संक्रमितों की संख्या इससे कई अधिक है। उनके अनुसार, ग्रामीण इलाकों में टेस्टिंग की सुविधा बहुत सीमित है और इसलिए ज्यादातर मामले पकड़ में नहीं आ रहे हैं। डर के माहौल के कारण लोग टेस्ट कराने से बच भी रहे हैं।
राज्य सरकारों पर मौतों को छिपाने का आरोप
मौतों का भी कुछ ऐसा ही हिसाब है और विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य सरकारें बड़े पैमाने पर मौतों को छिपा रही हैं। अभी देश में आधिकारिक तौर पर रोजाना 2,500 से अधिक मौतें दर्ज की जा रही हैं, लेकिन वास्तव में यह आंकड़ा इससे दो से पांच गुना अधिक लोगों का अनुमान लगाया जा रहा है। श्मशान घाट शवों से भरे पड़े हैं और लोगों को अंतिम संस्कार के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।
बढ़ते मामलों के कारण कई राज्यों में ऑक्सीजन का संकट
बढ़ते मामलों के कारण देश के कई राज्यों में ऑक्सीजन की कमी भी देखी गई है। इन राज्यों में मुख्य तौर पर दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्य शामिल हैं। राजधानी दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था तो पूरी तरह से चरमरा गई है और पिछले कुछ दिन से लगभग हर चंद घंटे पर कोई न कोई अस्पताल ऑक्सीजन के लिए आपातकालीन संदेश भेज रहा है। कुछ अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के कारण मरीजों की मौत भी हो चुकी है।