महाराष्ट्र: 61 फीसदी सैंपलों में पाया गया कोरोना का डबल म्यूटेंट वेरिएंट
क्या है खबर?
महाराष्ट्र में कोरोना के लगातार बढ़ते मामले चिंता का कारण बने हुए हैं और सरकार को यहां कर्फ्यू लगाना पड़ा है।
इसी बीच पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) ने महाराष्ट्र के जिलों की लैबोरेट्रीज के साथ आंकड़े साझा किए हैं।
इनसे पता चला है कि जनवरी से मार्च के बीच लिए गए 361 सैंपलों में से 61 फीसदी (220) में डबल म्यूटेशन वेरिएंट (B.1.617) पाया गया है। सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग से यह जानकारी मिली है।
जानकारी
क्या है डबल म्यूटेंट वेरिएंट?
इन सैंपलों में जो डबल म्यूटेंट वेरिएंट पाया गया है, उसमें E484Q और L452R नामक दो अहम म्यूटेशन हुए हैं। ये दोनों वायरस की स्पाइक प्रोटीन में हुए हैं जिसकी मदद से वायरस शरीर की कोशिकाओं से जुड़कर अपनी संख्या बढ़ाता है।
कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, ये दो म्यूटेशन दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील और अमेरिका के कैलिफोर्निया में सामने आए वेरिएंट्स से मिलते-जुलते हैं। E484Q म्यूटेशन अफ्रीकी और ब्राजीली वेरिएंट्स और L452R म्यूटेशन कैलिफोर्निया वेरिएंट से मिलता है।
जानकारी
मार्च में केंद्र ने कही थी 15-20 फीसदी सैंपलों में डबल वेरिएंट की बात
पिछले महीने केंद्र सरकार ने बताया था कि महाराष्ट्र में 15-20 फीसदी सैंपलों में डबल म्यूटेंट वेरिएंट पाया गया है, लेकिन सरकार ने इसे राज्य में बढ़ते मामलों से नहीं जोड़ा था।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, 10 अप्रैल को हुई बैठक में NIV अधिकारियों ने महाराष्ट्र की सरकारी लैबोरेट्रीज के प्रमुखों के साथ हुई बैठक में डबल म्यूटेंट वेरिएंट के सैंपलों के बारे में अवगत कराया। हालांकि, अभी तक राज्य सरकार को इस संबंध में लिखित रिपोर्ट नहीं मिली है।
कोरोना वायरस
बढ़ते मामलों के पीछे हो सकता है डबल वेरिएंट का हाथ
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों के पीछे डबल म्यूटेंट वेरिएंट का हाथ होने से इनकार नहीं किया जा सकता।
अधिकारियों का कहना है कि जब उन्होंने केंद्र सरकार से जानना चाहा कि क्या यह वेरिएंट चिंता का विषय है और इसके लिए रणनीति में बदलाव करना पड़ेगा तो केंद्र की तरफ से कहा गया कि राज्य को मौजूदा रणनीति बदलने की जरूरत नहीं है।
बयान
"सैंपलों की संख्या कम"
नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल के निदेशक डॉ सुजीत सिंह का कहना है कि सैंपलों की संख्या बहुत कम है तो यह नहीं कहा जा सकता कि इस वेरिएंट के कारण मामले बढ़ रहे हैं। दिल्ली में भी कुछ सैंपलों में यह वेरिएंट मिला है।
जानकारी
तेजी से फैलता गया नया वेरिएंट
NIV की तरफ से साझा किए आंकड़ों से पता चलता है कि जनवरी में सबसे अकोला जिले से लिए गए तीन और ठाणे से लिए गए एक सैंपल में डबल म्यूटेंट वेरिएंट पाया गया था।
फरवरी में अकोला, अमरावती, भंडारा, हिंगोली, गोंडिया, चंद्रपुर, नागपुर, पुणे, वर्धा और यवतमाल से लिए गए 50 फीसदी से अधिक सैंपल में यह वेरिएंट पाया गया।
इससे पता चलता है कि यह वायरस तेजी से कई इलाकों में फैल गया।
चिंता
क्यों चिंता का कारण है नया वेरिएंट?
यूं तो वायरसों में म्यूटेशन होना आम है, लेकिन डबल म्यूटेशन अक्सर इसके व्यवहार को बदल देते हैं और यही देश में पाए गए कोरोना के डबल म्यूटेंट वेरिएंट से संबंधित चिंता का कारण है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, ऐसे म्यूटेशन अक्सर इम्युनिटी को चकमा देने में कामयाब होते हैं और वायरस को पहले से अधिक संक्रामक बना देते हैं।
ऐसे वायरसों पर वैक्सीनों का भी ज्यादा असर नहीं होता और उन्हें बदलना पड़ता है।
कोरोना वायरस
महाराष्ट्र में संक्रमण की क्या स्थिति?
राज्य सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र में बीते दिन कोरोना के 60,212 नए मामले सामने आए और 281 लोगों की मौत हुई।
इसी के साथ यहां संक्रमितों की कुल संख्या 35,19,208 पहुंच गई है। इनमें से 5,93,042 सक्रिय मामले हैं और 58,526 लोगों की मौत हुई है।
संक्रमण रोकने के लिए सरकार ने राज्य में 15 दिनों के लिए धारा 144 के साथ कई कड़ी पाबंदियां लागू करने का ऐलान किया है।