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कर्नाटक: CAA के खिलाफ नाटक के मामले में स्कूल छात्रों से रोजाना 4-5 घंटे पूछताछ

कर्नाटक: CAA के खिलाफ नाटक के मामले में स्कूल छात्रों से रोजाना 4-5 घंटे पूछताछ

Feb 04, 2020
05:49 pm

क्या है खबर?

कर्नाटक के बिदर जिले के एक स्कूल में नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ नाटक के मामले में छात्रों से पूछताछ लगातार जारी है। रोजाना दोपहर में एक पुलिस अधिकारी स्कूल पहुंचता है और इसके बाद कक्षा छह, सात और आठ के छात्रों से चार से पांच घंटे पूछताछ की जाती है। इससे पहले पुलिस स्कूल प्रशासन पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कर चुकी है और स्कूल की प्रधानाचार्य और एक छात्र की विधवा मां को गिरफ्तार किया जा चुका है।

पृष्ठभूमि

क्या है पूरा मामला?

विवादों का केंद्र बिदर जिले के शाहीन स्कूल में 21 जनवरी को CAA के खिलाफ एक नाटक हुआ था। कक्षा छह, सात और आठ के छात्र इस नाटक में शामिल हुए थे। शिकायत के अनुसार, इस नाटक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक बातें कही गईं और ये झूठ फैलाया गया कि नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC) के कारण मुस्लिमों को भारत छोड़ना पड़ेगा। नाटक का वीडियो सोशल मीडिया पर भी शेयर किया गया था।

देशद्रोह

26 जनवरी को मामले में देशद्रोह का मुकदमा दर्ज

वीडियो सामने आने के बाद 26 जनवरी को देशद्रोह की धारा 124A समेत IPC की अन्य धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ता नीलेश की शिकायत पर दर्ज इस FIR में स्कूल के मालिक, स्कूल प्रशासन और फेसबुक पर वीडियो अपलोड करने वाले मोहम्मद युसूफ को आरोपी बनाया गया। 30 जनवरी को स्कूल की प्रधानाचार्य और नाटक में CAA के खिलाफ सख्त टिप्पणी करने वाले छात्र की मां को गिरफ्तार किया गया।

जानकारी

इसलिए किया गया प्रधानाचार्य और छात्र की मां को गिरफ्तार

पुलिस के अनुसार स्कूल प्रधानाचार्य को इसलिए गिरफ्तार किया गया क्योंकि नाटक उनकी अनुमति से हुआ था। वहीं छात्र की मां पर आरोप है कि उन्होंने छात्र को वो लाइनें बोलने को कहीं जो स्क्रिप्ट में नहीं थीं।

पूछताछ

लगातार हो रही छात्रों से पूछताछ

इस बीच FIR दर्ज होने के दिन से ही पुलिस लगातार छात्रों से पूछताछ कर रही है। इस दौरान थाने में बैठे छात्रों और उनसे पूछताछ करती पुलिस की एक तस्वीर भी वायरल हुई थी जिसके बार कर्नाटक पुलिस को आलोचना का सामना करना पड़ा। स्कूल प्रशासन ने मंगलवार को कहा कि नाटक में शामिल रहे छात्रों से अब तक चार बार पूछताछ की जा चुकी है और ये उनके मानसिक शोषण के समान है।

बयान

स्कूल के CEO बोले- समझदार व्यक्ति की कल्पना से बाहर की चीज

स्कूल के CEO थाउसीफ मदिकेरी ने NDTV से बात करते हुए कहा, "छात्रों को नियमित तौर पर चार से पांच घंटे कक्षा से बाहर रखा जाता है। दोपहर एक बजे के आसपास पुलिस उप अधीक्षक आते हैं और चार बजे तक छात्रों से पूछताछ करते हैं। पिछले चार दिन से यही हो रहा है। हमें नहीं पता कि उन्होंने हम पर देशद्रोह की धारा क्यों लगाई है। ये किसी भी समझदार व्यक्ति की कल्पना से बाहर की चीज है।"

बयान

डर में जी रहे हैं छात्र और अभिभावक- मदिकेरी

मदिकेरी ने आगे कहा, "एक अभिभावक पहले ही माफी मांग चुका है। अभिभावकों और छात्रों के लिए ये मानसिक शोषण के समान है। वो एक तरीके के डर में जी रहे हैं।"

खुला पत्र

बेंगलुरू के अभिभावकों ने पुलिस के खिलाफ लिखा खुला पत्र

इससे पहले बेंगलुरू के कई अभिभावक खुला पत्र लिखकर प्रधानाचार्य और अभिभावकों की गिरफ्तारी और बच्चों के साथ लगातार पूछताछ की आलोचना कर चुके हैं। बिदर पुलिस पर अमानवीय कार्रवाई का आरोप लगाते हुए इस पत्र में लिखा गया है, "किशोर न्याय अधिनियम, 2015 का खुला उल्लंघन करते हुए न्यू टाउन स्टेशन पुलिस बिना अभिभावाकों की उपस्थिति के छात्रों से घंटों पूछताछ कर ही है जिनमें 9 साल के बच्चे तक शामिल हैं।"

आरोप

अभिभावकों का आरोप, सत्ता के हाथ में खेल रही पुलिस

पत्र में लिखा गया है कि अगर किसी को इस बात पर शक था कि पुलिस सत्ता के हाथों का खिलौना होती है, इस घटना से उसके शक को खत्म हो जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि पुलिस राज्य सरकार के निर्देशों पर CAA-NRC के खिलाफ विरोध को दबाने के लिए "आदिम" देशद्रोह कानून का प्रयोग कर रही है। उन्होंने कहा है कि वो नहीं चाहते कि बच्चे सत्ता में बैठे लोगों के भय में बढ़े हों।

जानकारी

CAA-NRC विरोधी प्रदर्शनों पर कर्नाटक पुलिस की कार्रवाई पर उठे हैं गंभीर सवाल

बता दें कि कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व में भाजपा की सरकार है और CAA-NRC विरोधी प्रदर्शनों पर बर्बर कार्रवाई के लिए कर्नाटक पुलिस को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा है। इस दौरान मंगलुरू में पुलिस फायरिंग में दो लोग मर चुके हैं।