लखीमपुर खीरी हिंसा के विरोध में पंजाब और हरियाणा के किसानों ने किया प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत के मामले में पंजाब और हरियाणा के किसानों ने सोमवार को अलग-अलग जिलों में जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान किसानों ने विभिन्न स्थानों पर केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार का पुतला फूंका तथा भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की। इतना ही नहीं किसानों ने लखीमपुर हिंसा के मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे की गिरफ्तारी की भी मांग की।
लखीमपुर खीरी में क्या हुआ था?
लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में अपने पैतृक गांव में आयोजित कार्यक्रम में जा रहे मंत्री मिश्र का किसान विरोध कर रहे थे। इस कार्यक्रम में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य मुख्य अतिथि थे। मिश्रा के बेटे आशीष उपमुख्यमंत्री का स्वागत करने के लिए जा रहे थे। इस दौरान किसानों ने उनकी कार के सामने प्रदर्शन शुरू कर दिया। आरोप है कि आशीष ने कथित तौर पर किसानों पर कार चढ़ा दी। जिससे दो किसानों की मौत हो गई।
घटना के बाद भड़की हिंसा में हुई छह की मौत
मंत्री मिश्र के बेटे आशीष उर्फ मोनू मिश्रा द्वारा किसानों पर कार चढ़ाने और दो किसानों की मौत होने के बाद किसान भड़क गए और उन्होंने हिंसक प्रदर्शन शुरू कर दिया। उस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मिश्रा के बेटे की कार सहित दो अन्य वाहनों को आग के हवाले कर दिया। इसके बाद मौके पर तनाव की स्थिति बन गई। हिंसा में दो प्रदर्शनकारी और चार भाजपा कार्यकर्ताओं की और मौत हो गई। इससे मृतकों की संख्या आठ पर पहुंच गई।
हरियाणा और पंजाब के किसानों ने किया जोरदार प्रदर्शन
NDTV के अनुसार, लखीमपुर खीरी घटना के विरोध में पंजाब के किसानों ने पटियाला, मोहाली, फिरोजपुर, अमृतसर, रूपनगर, मोगा और मुक्तसर में प्रदर्शन किया। इसी तरह हरियाणा के किसानों ने अंबाला, कुरुक्षेत्र और फतेहाबाद और चंडीगढ़ विरोध जताया। दोनों राज्यों में किसानों ने उपायुक्त कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन करते हुए केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार का पुतला फूंका तथा भाजपा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान सभी जगहों पर भारी पुलिस बल तैनात रहा।
किसानों ने की मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने की मांग
हरियाणा और पंजाब में विरोध प्रदर्शन करने वाले किसानों ने घटना को लेकर गृह राज्य मंत्री मिश्रा को बर्खास्त करने तथा मामले में उनके बेटे आशीष उर्फ मोनू मिश्रा को गिरफ्तार करने की मांग की। इसी तरह उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की किसानों के खिलाफ की गई गई टिप्पणी पर भी कड़ा विरोध जताया। किसानों ने उनके खिलाफ की गई अमर्यादित टिप्पणी को लेकर मुख्यमंत्री खट्टर के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने की मांग की।
मिश्रा ने कहा- मौके पर नहीं था बेटा
लखीमपुर खीरी हिंसा पर मिश्रा ने सफाई देते हुए कहा है कि जहां घटना हुई है, वहां उनका बेटा मौजूद नहीं था और उनके पास इसका वीडियो सबूत मौजूद है। उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों ने गाड़ी पलटकर तीन भाजपा नेता और एक ड्राइवर की पीट-पीट कर हत्या कर दी। उन्होंने दावा किया कि गाड़ी पलटने पर कुछ किसान इसके नीचे आ गए थे और इन्हीं में से चार किसानों की मौत हुई है।
मुख्यमंत्री खट्टर ने यह की थी टिप्पणी
मुख्यमंत्री खट्टर ने रविवार को चंडीगढ़ में भाजपा किसान मोर्चा की बैठक के दौरान "जैसे को तैसा" की टिप्पणी की थी। उन्होंने सभा को 500 से 1,000 के समूह बनाने और जेल जाने के लिए तैयार रहने के लिए कहा था। इतना ही नहीं उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा था कि जेल में रहने से वह बड़े नेता बन जाएंगे। खट्टर के इस बयान पर विपक्ष ने उन पर कार्यकर्ताओं को किसानों पर हमले के लिए उकसाने का आरोप लगाया था।