पुणे पोर्शे हादसा: डॉक्टर ने नाबालिग के पिता से जांच को लेकर 14 बार बात की
महाराष्ट्र के पुणे पोर्शे हादसा मामले में नई जानकारी सामने आई है। पुलिस ने बताया सरकारी अस्पताल के डॉक्टर अजय तावड़े ने खून की जांच के दौरान नाबालिग आरोपी के पिता से बात की थी। पुलिस के मुताबिक, ससून अस्पताल में फोरेंसिक विभाग के प्रमुख डॉ. तावड़े और नाबालिग के पिता की 2 घंटे में 14 बार फोन पर बात हुई। संभावना जताई जा रही है कि नाबालिग के खून की रिपोर्ट बदलवाने के लिए यह बातचीत की गई होगी।
सुबह साढ़े 8 बजे हुई पहली बातचीत
न्यूज18 के मुताबिक, पुलिस का कहना है कि तावड़े और आरोपी के पिता के बीच सुबह 8:45 बजे पहली बातचीत हुई थी। इसके बाद सुबह 11 बजे तक 14 कॉल की गई। ये कॉल सामान्य नंबर के अलावा व्हाट्सएप और फेसटाइम पर भी की गई थीं। बता दें, ससून अस्पताल के 2 डॉक्टर और एक कर्मचारी के मामले में फंसने के बाद पुलिस ने डॉ. तावड़े के घर की तलाशी ली है। जांच टीम ने अस्पताल का भी दौरा किया।
डॉक्टरों पर है रिश्वत लेने का आरोप
पुलिस ने पुणे पोर्शे कार हादसे मामले में खून के नमूनों की रिपोर्ट बदलने के आरोप में ससून अस्पताल के डॉ. तावडे़ के साथ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीहरि हालनोर और कर्मचारी अतुल घाटकांबले को गिरफ्तार किया गया था। तीनों पर आरोपी के पिता से रिश्वत लेने का आरोप है। आरोप है कि डॉक्टरों ने नाबालिग के खून के नमूने फेंककर किसी दूसरे व्यक्ति के नमूनों की रिपोर्ट लगाई थी। रिपोर्ट में एल्कोहल की मात्रा नहीं मिली थी।
अब तक मामले में गिरफ्तार हुए 9 लोग
पुलिस ने बताया कि नाबालिग आरोपी का 2 बार एल्कोहल टेस्ट कराया गया था। इसमें पहले नमूने की रिपोर्ट निगेटिव आई, लेकिन दूसरे नमूने की रिपोर्ट पॉजीटिव थी। पुलिस ने बताया कि दूसरी रिपोर्ट में आरोपी के खून में एल्कोहल पाया गया था। पुलिस ने डॉक्टरों पर रिपोर्ट बदलने के एवज में 3 लाख रुपये रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। मामले में अभी तक नाबालिग आरोपी के पिता और दादा समेत कुल 9 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।
क्या है मामला?
19 मई को पुणे के कल्याणी नगर में रात ढाई बजे पोर्शे कार चला रहे एक नाबालिग ने बाइक पर जा रहे एक महिला और पुरुष को टक्कर मार दी थी, जिनकी मौके पर ही मौत हो गई थी। बाद में कार बेकाबू होकर एक दूसरी गाड़ी को टक्कर मारते हुए रैलिंग से टकरा गई। नाबालिग आरोपी को कोर्ट ने मामूली शर्तों के साथ 15 घंटे में जमानत दे दी थी। विरोध के बाद नाबालिग की जमानत रद्द हो गई।