प्रधानमंत्री ने जताई अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटने की उम्मीद, कहा- मुझे भारतीयों की क्षमता पर भरोसा
उद्योग संगठन भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) का मंगलवार को 125वां वार्षिक सत्र आयोजित किया गया। इस मुख्य विषय 'गेटिंग ग्रोथ बैक' यानी वृद्धि की राह पर लौटना रखा गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इस सत्र को संबोधित करते हुए लॉकडाउन के कारण चरमराई अर्थव्यवस्था के फिर से पटरी पर लौटने का भरोसा जताया। उन्होंने कहा कि देश निश्चित तौर पर अपनी ग्रोथ को हासिल करेगा।
प्रधानमंत्री ने अपने विश्वास के पीछे बताए यह कारण
प्रधानमंत्री ने कहा, "मुझे पूरा विश्वास है कि हम अपनी ग्रोथ को फिर से हासिल कर लेंगे। मेरे इस विश्वास के पीछे कई कारण हैं। मुझे भारतीयों की क्षमता और आपदा प्रबंधन पर भरोसा है। यहां की प्रतिभा, तकनीक और खोज पर भोरसा है। MSMEs और आंत्रप्रेन्योर पर भरोसा है। उद्योग जगत और इनके लीडर्स पर भरोसा है।" उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देना जरूरी है। इसके लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है।
भारत को उठाना है दुनिया के भरोसे का लाभ
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान भारत द्वारा किए गए सहयोग के कारण दुनिया का देश पर विश्वास बढ़ा है। कोरोना संकट में भारत ने 150 से ज्यादा देशों को मेडिकल सप्लाई भेजकर अपनी मानवता दिखाई थी। इससे पूरे विश्व मे भारत के प्रति भरोसा बढ़ा है। उन्होंने कहा, "अब उद्योग जगत, CII जैसे संगठनों को इस भरोसे का लाभ उठाना है। उद्योग जगत एक कदम बढ़ाएगा तो सरकार चार कदम बढ़ाएगी।"
'मेड इन इंडिया' होना चाहिए आत्मनिर्भर भारत का रास्ता- मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ल्ड इज लुकिंग फॉर ए रिलाएबल पार्टनर भारत में इसकी क्षमता है। इंडस्ट्री को इस मौके का पूरा फायदा उठाना चाहिए। ग्लोबल एक्सपोर्ट में हमारा शेयर काफी कम है। उन्होंने कहा कि उद्योग संगठनों को देश की इंडस्ट्री और बाजार को ज्यादा-से-ज्यादा ग्लोबल बनाने में मदद करनी है। अब जरूरत है कि देश में ऐसे प्रोडक्ट बनें जो 'मेड इन इंडिया' हों और 'मेड फॉर फॉरेन' हों। इसी के जरिए आत्मनिर्भर भारत का सपना पूरा होगा।
गरीब परिवारों को पहुंचाई 53 हजार करोड़ रुपये की मदद
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट के बीच सरकार ने गरीब परिवारों को 53 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की वित्तीय मदद पहुंचाई है। इससे महिलाएं दिव्यांग, बुजुर्ग श्रमिक को लाभ मिला है। इसी तरह सरकार ने गरीबों को आठ करोड़ से ज्यादा गैस सिलेंडर मुफ्त पहुंचाए हैं। निजी क्षेत्र के करीब 50 लाख कर्मचारियों के खाते में 24% EPF का कंट्रीब्यूशन किया गया है। उन्होंने कहा कि अब भारत को फिर से तेज विकास के पथ पर लाना है।
देश के विकास के लिए जरूरी हैं ये पांच चीजें
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के विकास के लिए इंटेंट, इन्क्लूजन, इन्फ्रास्ट्रक्चर, इन्वेस्टमेंट और इनोवेशन बहुत जरूरी है। हाल ही में ऐसे कई फैसले लिए गए हैं। जिनमें इनकी झलक दिखी है। देश को भविष्य के लिए तैयार किया गया है।
MSMEs सेक्टर के लिए उठाए कई कदम
प्रधानमंत्री ने कहा कि एनर्जी सेक्टर में बहुत से आपका इंतजार कर रहे हैं। MSMEs सेक्टर की लाखों यूनिट देश के लिए आर्थिक इंजन की तरह है। इनका देश की GDP में अहम योगदान है जो करीब 30% का है। उन्होंने कहा कि उद्योग जगत लंबे समय से MSMEs की परिभाषा स्पष्ट करने की मांग कर रहा था। वह मांग अब पूरी हो चुकी है। इससे MSMEs बिना चिंता के कारोबार कर पाएंगे और उन्हें दूसरे काम नहीं करने होंगे।
कोरोना वायरस की रफ्तार हुई कम
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश की सबसे बड़ी सच्चाई यही है कि भारत लॉकडाउन को पीछे छोड़ 'अनलॉक 1' की तरफ बढ़ गया है। अर्थव्यवस्था का काफी हिस्सा खुल चुका है। 8 जून के बाद और भी खुल जाएगा। उन्होंने कहा कि जब दुनिया में कोरोना वायरस पैर फैला रहा था तभी भारत ने सही समय पर सही तरीके से सही कदम उठाए। भारत ने कोरोना से लड़ने के लिए फिजिकल रिसोर्स तैयार किए हैं।