राष्ट्रपति का देश के नाम संबोधन, बोलीं- ये युगांतकारी परिवर्तन का कालखंड है
क्या है खबर?
75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था पश्चिमी देशों से कहीं समृद्धशाली है, इसलिए भारत को लोकतंत्र की जननी कहा जाता है।
राष्ट्रपति ने अपने भाषण में भारत के संविधान की विशेषता, मूल्यों और सिद्धांतों पर बात की।
बता दें कि 75वें गणतंत्र दिवस की थीम 'विकसित भारत और भारत- लोकतंत्र की मातृका' रखी गई है।
बयान
राष्ट्रपति ने कहा- देश की यात्रा में ये ऐतिहासिक पड़ाव
राष्ट्रपति ने कहा, "मैं पीछे मुड़कर देखती हूं कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद हमने बहुत लंबी यात्रा की है। यह गणतंत्र दिवस कई अर्थों में बहुत खास है। यह उत्सव मनाने का अवसर है। हमारा देश स्वतंत्रता की शताब्दी की ओर बढ़ते हुए अमृत काल के प्रारंभिक दौर से गुजर रहा है। हमारे गणतंत्र का 75वां वर्ष कई अर्थों में देश की यात्रा में एक ऐतिहासिक पड़ाव है। यह एक युगांतकारी परिवर्तन का कालखंड है।"
उपलब्घि
राष्ट्रपति ने गिनाईं देश की उपलब्धियां
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बना।
उन्होंने कहा, "हमें अपने वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों पर सदैव गर्व रहा है, लेकिन अब ये पहले से कहीं अधिक ऊंचे लक्ष्य तय कर रहे हैं और उनके अनुरूप परिणाम भी हासिल कर रहे हैं। नारी शक्ति वंदन अधिनियम महिला सशक्तिकरण का एक क्रांतिकारी माध्यम सिद्ध होगा।"
इसके अलावा उन्होंने खेलों में भारत की उपलब्धि का भी जिक्र किया।
कर्पूरी
मुर्मू ने कर्पूरी ठाकुर को किया याद
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, "कर्पूरी जी पिछड़े वर्गों के सबसे महान पक्षकारों में से एक थे, जिन्होंने अपना जीवन उनके कल्याण के लिए समर्पित कर दिया। उनका जीवन एक संदेश था। अपने योगदान से सार्वजनिक जीवन को समृद्ध बनाने के लिए मैं कर्पूरी जी को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं।"
उन्होंने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को याद करते हुए कहा कि उनके प्रबुद्ध मार्गदर्शन में संविधान ने भेदभाव को समाप्त करने के लिए सामाजिक न्याय के मार्ग पर अडिग बनाए रखा है।
राम मंदिर
राम मंदिर पर राष्ट्रपति ने कही ये बात
राष्ट्रपति ने कहा, "इस सप्ताह के आरंभ में हम सबने अयोध्या में प्रभु श्रीराम के जन्मस्थान पर निर्मित भव्य राम मंदिर में स्थापित मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का ऐतिहासिक समारोह देखा। भविष्य में जब इस घटना को व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखा जाएगा, तब इतिहासकार भारत द्वारा अपनी सभ्यतागत विरासत की निरंतर खोज में युगांतरकारी आयोजन के रूप में इसका विवेचन करेंगे। उचित न्यायिक प्रक्रिया और देश के उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद मंदिर का निर्माण कार्य आरंभ हुआ।"
कार्यक्रम
कैसा रहेगा गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम?
समारोह की शुरुआत ध्वजारोहण के साथ होगी। राष्ट्रपति मुर्मू कर्तव्य पथ पर ध्वजारोहण करेंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह अमर जवान ज्योति पर श्रद्धांजलि देंगे।
सुबह 10:30 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच विजय चौक से नेशनल स्टेडियम तक परेड होगी। इसमें 16 राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्र सरकार के 9 मंत्रालयों की झांकियां दिखाई जाएंगी।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों इस बार समारोह के मुख्य अतिथि हैं। फ्रांस की मार्चिंग टीम और बैंड भी परेड में शिरकत करेगा।