प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ टिप्पणी मामले के बीच भारतीय राजदूत ने मालदीव में की अहम बैठक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मालदीव के मंत्रियों की अभद्र टिप्पणी के बाद दोनों देश में बीच तनातनी बनी हुई है। सोमवार को भारत के विदेश मंत्रालय ने मालदीव के राजदूत इब्राहिम शाहीब को तलब किया था। इसके बाद भारतीय राजदूत मुनु महावर ने मालदीव में एक अहम बैठक में भाग लिया। मालदीव के विदेश मंत्रालय के उच्चायुक्त डॉ अली नसीर मोहम्मद और भारतीय राजदूत के बीच द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा के लिए यह बैठक पूर्व निर्धारित थी।
क्या है पूरा विवाद?
प्रधानमंत्री मोदी 4 जनवरी को लक्षद्वीप की यात्रा पर थे। इस दौरान उन्होंने एक्स पर अपनी यात्रा की कुछ तस्वीरें साझा कीं और लोगों को लक्षद्वीप की यात्रा करने को न्योता दिया। इसके बाद मालदीव की मंत्री मरियम शिउना, जाहिर रमीज और अन्य ने प्रधानमंत्री की पोस्ट पर आपत्तिजनक टिप्पणी कीं। उन्होंने मोदी के लिए अभद्र शब्दों का इस्तेमाल किया और भारतीयों के खिलाफ नस्लीय टिप्पणियां कीं। उन्होंने भारतीयों पर नस्लीय टिप्पणी करते हुए उन्हें गंदा बताया था।
मंत्रियों ने क्या कहा था?
मरियम शिउना ने एक्स पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री मोदी को "इजरायल की कठपुतली" कहा था। उन्होंने पोस्ट में भारत की तुलना गाय के गोबर से भी की थी। एक अन्य उप मंत्री मालशा शरीफ ने भी भारत के खिलाफ इसी तरह की अपमानजनक टिप्पणियां कीं थीं। जाहिद रमीज ने भारत पर पहले तंज कसा और नस्लीय टिप्पणी करते हुए कहा कि भारतीय बहुत गंदे होते हैं, जो होटल के कमरों में 'स्थायी गंद' छोड़ जाते हैं।
मालदीव के मंत्रियों की टिप्पणी के बाद भारतीयों में नाराजगी
मालदीव के मंत्रियों की प्रधानमंत्री मोदी पर की गई अभद्र टिप्पणियों के बाद से भारतीयों में खासी नाराजगी देखी जा रही है। इस बीच कई भारतीयों ने सोशल मीडिया पर दावा किया है कि उन्होंने मालदीव की अपनी प्रस्तावित यात्रा को रद्द कर दिया है। असत्यापित रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि मालदीव के लिए 8,000 से अधिक होटल बुकिंग और 2,500 उड़ान टिकट रद्द कर दिए गए हैं। बॉलीवुड सितारों ने भी मालदीव के खिलाफ ट्वीट किए हैं।
मालदीव सरकार ने टिप्पणियों से पल्ला झाड़ा, मंत्रियों को निलंबित किया
रविवार को मामले से पल्ला झाड़ते हुए मालदीव सरकार ने कहा है कि ये संबंधित मंत्रियों की व्यक्तिगत राय है और उनके विचारों का वह समर्थन नहीं करते हैं। उसने कहा कि सरकार मानती है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रयोग लोकतांत्रिक और जिम्मेदार तरीके से किया जाना चाहिए। सरकार ने कार्रवाई करते हुए मरियम शिउना, मालशा शरीफ और महज़ूम माजिद को तत्काल प्रभाव से मंत्री पद से निलंबित कर दिया है।