लॉकडाउन में छूट को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय में महत्वपूर्ण बैठक, इन मुद्दों पर हुआ विचार
देश में जारी लॉकडाउन में 20 अप्रैल के बाद छूट देने पर विचार करने के लिए शुक्रवार को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में महत्वपूर्ण बैठक हुई। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा के नेतृत्व में हुई बैठक में सात मंत्रालयों के सचिवों ने भाग लिया। बैठक में कामगारों के लिए फैक्ट्री आने-जाने के लिए बनाई जाने वाली योजना और रियायत की गाइडलाइन को ठीक से पालन कराने के लिए जरूरी कदमों पर विचार किया गया।
20 अप्रैल को क्या रियायतें मिलेंगी?
सरकार ने कोरोना वायरस के मामलों के आधार पर देश में रेड, ऑरेंज और ग्रीन जिले बनाए हैं। रेड जोन में 3 मई तक सभी पाबंदियां जारी रहेगी, लेकिन ऑरेंज और ग्रीन जोन के जिलों में कुछ शर्तों के साथ उद्योगों को खुलने की छूट दी जाएगी। इसके अलावा ई-कॉमर्स जैसी सेवाएं भी शुरू हो सकेंगी। यह इसलिए हो रहा है कि ताकि उद्योगों में उत्पादन शुरू हो और मजदूरों को रोजगार मिले।
सबसे बड़ी चिंता कामगारों को फैक्ट्री तक ले जाना
बैठक में भाग लेने वाले अधिकारियों में से दो ने बताया कि सबसे बड़ी चिंता कामगारों को फैक्ट्री तक ले जाने की है। सार्वजनिक यातायात बंद होने की स्थिति में कामगारों को विशेष विमानों में उनके घर से फैक्ट्री तक ले जाना होगा। बैठक में अधिकारियों ने इस बात पर भी चर्चा की कि निर्माणाधीन स्थलों और फैक्ट्रियों पर स्वास्थ्यकर्मियों, आशा वर्कर और वॉलेंटियर के जरिये नजर रखी जानी चाहिए और कामगारों का नियमित चेक अप होना चाहिए।
कानून-व्यवस्था की स्थिति पर भी हुई चर्चा
बैठक में लॉकडाउन में छूट देने के बाद कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के तरीकों पर भी विचार किया गया। चूंकि कानून-व्यवस्था राज्यों के अधीन आती है, इसलिए प्रधानमंत्री कार्यालय ने सभी मंत्रालयों के सचिवों को राज्य सरकारों के संपर्क में रहने, स्थिति पर नजर रखने और जरूरत पड़ने पर दिशानिर्देश जारी करने को कहा है। गौरतलब है कि 20 अप्रैल से फूड प्रोसेसिंग उद्योग, ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क और औद्योगिक प्रोेजेक्ट के निर्माण कार्य शुरू हो सकेंगे।
आंशिक राहतों से खुलेगी 45 फीसदी अर्थव्यवस्था- अर्थशास्त्री
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि केंद्र सरकार का गाइडलाइन जारी होने के बाद धीरे-धीरे काम शुरू होने से देश की लगभग 45 प्रतिशत अर्थव्यवस्था का पहिया चलने लगेगा। गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान अधिकतर उद्योग धंधे ठप्प थे।
लॉकडाउन में छूट में घरेलू मांग में होगा इजाफा- अर्थशास्त्री
अर्थशास्त्री सोनल वर्मा ने कहा, "हमारा अनुमान है कि आंशिक राहतों से अर्थव्यवस्था का एक बड़ा भाग खुल जाएंगा। पूर्ण लॉकडाउन में केवल 25 प्रतिशत अर्थव्यवस्था संचालित थी, जो इन राहतों के बाद 45 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी।" जानकारों का कहना है कि लॉकडाउन में आंशिक राहतों से घरेलू मांग में इजाफा होगा, जिससे अर्थव्यवस्था का पहिया रफ्तार पकड़ेगा। गौरतलब है कि 21 दिनों के लॉकडाउन को 14 अप्रैल को बढ़ाकर 3 मई तक किया गया है।