अखिलेश यादव का बड़ा ऐलान, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सोमवार को बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि वह अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मैदान में नहीं उतरेंगे। अखिलेश अभी आजमगढ़ से सांसद हैं और पार्टी के मुख्यमंत्री पद के चेहरे भी हैं। उन्होंने चुनाव न लड़ने के अपने फैसले का कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया है। उनके इस फैसले का चुनाव पर असर पड़ सकता है और विरोध पार्टियां इसे भुनाने की कोशिश कर सकती हैं।
समाचार एजेंसी PTI के साथ इंटरव्यू में अखिलेश ने जयंत चौधरी की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल (RLD) से गठबंधन का ऐलान भी किया। उन्होंने कहा कि RLD के साथ सपा का गठबंधन पक्का है और सीटों के बंटवारे पर बातचीत चल रही है। अपने चाचा शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (PSPL) के साथ गठबंधन पर उन्होंने कहा, "मुझे इससे कोई समस्या नहीं है। उन्हें और उनके लोगों को पूरा सम्मान दिया जाएगा।"
बता दें कि अखिलेश पिछले हफ्ते ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के साथ गठबंधन का ऐलान भी कर चुके हैं। SBSP पिछले चुनाव में भाजपा के साथ लड़ी थी। पूरे उत्तर प्रदेश में कुल 3-4 प्रतिशत राजभर हैं और इनमें से ज्यादातर पूर्वी उत्तर प्रदेश में रहते हैं। इसके अलावा अन्य सबसे पिछले वर्गों (MBCs) पर भी पार्टी की पकड़ है। ऐसे में वह सपा के लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकती है।
गौरतलब है कि अखिलेश पहले ही साफ कर चुके हैं कि वह उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए किसी भी बड़ी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे। कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के साथ अपने पुरान गठबंधनों की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा था कि उनका बड़ी पार्टियों के साथ गठबंधन का अनुभव अच्छा नहीं रहा है। उन्होंने छोटी पार्टियों से भाजपा को हराने के लिए उनके सथ आने की अपील की थी।
राजनीतिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होेने हैं। अभी तक के रुझानों में इन चुनावों में मुख्य टक्कर योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा और अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा में नजर आ रही है। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और उनकी पार्टी बहुजन समाज पार्टी को खारिज करना भी गलती होगी। वहीं कांग्रेस मुख्य रेस में नहीं है, हालांकि बेहतर प्रदर्शन करके भाजपा या विपक्ष किसी एक का खेल बिगाड़ सकती है।