दिल्ली हाई कोर्ट का केंद्र को आदेश, ऑक्सीजन टैंकरों के ट्रांसपोर्ट के लिए बनाए अलग कॉरिडोर
कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मची ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई और कोर्ट के आदेशों की सख्ती से पालना के आदेश दिए। इस दौरान कोर्ट ने ऑक्सीजन को महत्वपूर्ण बताते हुए केंद्र सरकार को ऑक्सीजन टैंकरों को अतिरिक्त सुरक्षा मुहैया कराने तथा उनके ट्रांसपोर्टेशन के लिए अलग से कॉरिडोर तैयार करने के भी आदेश दिए।
ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर अस्पतालों ने दायर की थी याचिका
बता दें ऑक्सीजन की किल्लत और समय पर आपूर्ति नहीं होने को लेकर दिल्ली के मैक्स अस्पताल और सरोज सुपर स्पेशलिटी अस्पताल ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सरोज अस्पताल ने त्वरित सुनवाई की अपील करते हुए कहा था कि वर्तमान में 70 कोरोना मरीज ICU और 48 वेंटीलेटर पर है। उन्हें लगातार ऑक्सीजन की जरूरत है। इसी तरह वेटिंग में रखे गए 172 मरीजों में से 64 को ऑक्सीजन की जरूरत है। ऐसे में जल्द आपूर्ति कराई जाए।
अस्पताल ने कही एक घंटे की ऑक्सीजन उपलब्ध होने की बात
याचिका में सरोज अस्पताल ने कहा था कि उनके पास महज एक घंटे की ऑक्सीजन बची है। इसके बाद स्थिति विकट हो जाएगी। इसी तरह मैक्स अस्पताल ने कहा था कि अस्पताल में बार-बार मांग के बाद भी ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो रही है। इससे अस्पताल में भर्ती 1,400 कोरोना संक्रमित मरीजों का जीवन संकट में है। उन्होंने कहा कि था कि ऑक्सीजन की कमी के कारण अस्पताल में सभी ऑक्सीजन बेड काम नहीं आ रहे हैं।
केंद्र को तत्काल प्रभाव से करनी होगी आदेशों की पालना- हाई कोर्ट
मामले में सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि केंद्र को कोर्ट के आदेशों की तत्काल पालना करनी होगी। ऐसा नहीं करने पर आपराधिक कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिल्ली के लिए आवंटित किए गए 480 मीटि्रक टन ऑक्सीजन के कोटे को तत्कला लागू करने, ऑक्सीजन टैंकरों को विशेष सुरक्षा मुहैया कराने तथा टैंकरों के संचालन के लिए विशेष कॉरिडोर तैयार करने के निर्देश दिए।
आदेशों की अवहेलना से रहेगी बड़ी संख्या में लोगों की मौत की संभावना- हाई कोर्ट
हाई कोर्ट ने कहा कि आदेशों की अवहेलना से बड़ी संख्या में लोगों की मौत की संभावना बनेगी और ऐसा होने पर गंभीर आपराधिक एक्शन लिया जाएगा। इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली में ऑक्सीजन टैंकरों को पहुंचाने के लिए कदम उठा रहा है। बुधवार को दो टैंकर दिल्ली के लिए रवाना हुए थे, लेकिन उनके थोड़ी देरी हो गई थी। उन्होंने कहा कि रात में 100 मीट्रिक टन ऑक्सीजन सप्लाई की गई है।
गुरुवार को नहीं हुई गैस की आपूर्ति- दिल्ली सरकार
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि बुधवार को दिल्ली को करीब 80-82 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिली थी, लेकिन गुरुवार को एक टन भी नहीं मिली है। इस पर केंद्र ने दिल्ली सरकार पर मामले को सनसनीखेज बनाने का आरोप लगाया।
ऑक्सीजन टैंकरों के आवागमन पर नहीं होगी कोई पाबंदी- केंद्र
सुनवाई के दौरान मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को ऑक्सीजन टैंकरों के आवागमन पर कोई पाबंदी नहीं लगाने के आदेश दिए हैं। यदि ऑक्सीजन टैंकरों के आवागमन में बाधा उत्पन्न की जाती है तो कठोर काईवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि केंद्र ऑक्सीजन के मामले में दिल्ली को प्राथमिकता दे रहा है, लेकिन राजस्थान और उत्तर प्रदेश में भी मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में सरकार सभी को आवश्यकता के अनुसार आवंटन कर रही है।
केंद्र सरकार ने राज्यों को दिए सप्लाई पर पाबंदी नहीं लगाने के आदेश
सुनवाई के बाद केंद्र सरकार ने राज्यों को ऑक्सीजन आपूर्ति पर किसी भी प्रकार का अंकुश नहीं लगाने तथा किसी एक राज्य विशेष के लिए ही आपूर्ति नहीं रोकने के आदेश दिए हैं। इसी के साथ औद्योगिक इस्तेमाल के लिए ऑक्सीजन के प्रयोग पर पूरी तरह रोक लगा दी है। केंद्र सरकार ने कहा कि कोई राज्य या केंद्रशासित प्रदेश उसके यहां स्थित ऑक्सीजन प्लांट के उत्पादक पर सिर्फ उसी राज्य में सप्लाई करने का दबाव नहीं बना सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी उच्च स्तरीय बैठक कर की ऑक्सीजन की समीक्षा
इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शाम को ऑक्सीजन की आपूर्ति की समीक्षा करने और इसकी उपलब्धता को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की। इसमें प्रधानमंत्री ने ऑक्सीजन का उत्पादन और वितरण की गति बढ़ाने और स्वास्थ्य सुविधाओं को ऑक्सीजन सहायता प्रदान करने के लिए अभिनव तरीकों का उपयोग करने की बात कही। उन्होंने ऑक्सीजन के आवागमन में बाधा उत्पन्न होने पर स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी तय करने भी बात कही।