देश में जितनी वैक्सीन बन रही, उसमें से मात्र 57 प्रतिशत का हो रहा उपयोग- सरकार
जहां देश के कई राज्य कोरोना वायरस वैक्सीन की कमी से जूझ रहे हैं, वहीं केंद्र सरकार ने केरल हाई कोर्ट में हलफमाना दाखिल कर कहा है कि अभी देश में कुल उत्पादन की मात्र 57 प्रतिशत वैक्सीनों का उपयोग हो रहा है। सरकार ने बताया कि अभी देश में रोजाना 28.33 लाख खुराकों का उत्पादन हो रहा है, वहीं लोगों को रोजाना 12-13 लाख (57 प्रतिशत) खुराकें ही लगाई जा रही हैं।
हर महीने बन रहीं 8.5 करोड़ खुराकें- केंद्र
अपने हलफनामे में केंद्र ने कहा है कि देश में अभी हर महीने कोरोना वैक्सीन की 8.5 करोड़ खुराकें बनाई जा रही हैं। सरकार के अनुसार, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) एक महीने में 'कोविशील्ड' वैक्सीन की 6.5 करोड़ खुराकें बना रही है, वहीं भारत बायोटेक हर महीने अपनी वैक्सीन 'कोवैक्सिन' की 2 करोड़ खुराकें उत्पादित कर रही है। सरकार ने साफ किया कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कितनी वैक्सीनें देनी हैं, इसका कोई निर्धारित लक्ष्य नहीं है।
सरकार ने कहा- उत्पादन बढ़ने से अगले दो महीने में सुधर जाएगी स्थिति
केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में जुलाई से वैक्सीन के उत्पादन में वृद्धि आने और इसके कारण अगले दो महीने में वैक्सीन की सप्लाई सुधरने की उम्मीद जताई है। सरकार के अनुसार, SII का मासिक उत्पादन 5 करोड़ से बढ़कर 6.5 करोड़ खुराक हुआ है और जुलाई में यह और बढ़ जाएगा। इसी तरह भारत बायोटेक का उत्पादन 90 लाख खुराक से बढ़कर 2 करोड़ खुराक हुआ है और यह बढ़कर 5.5 करोड़ खुराकें प्रति माह तक हो सकता है।
स्पूतनिक-V के उत्पादन में भी आएगी तेजी
रूस की स्पूतनिक-V वैक्सीन पर सरकार ने कहा है कि अभी हर महीने इसकी 30 लाख खुराकों का उत्पादन हो रहा है और जुलाई तक इसकी क्षमता 1.2 करोड़ खुराकें प्रति माह तक पहुंच सकती है।
वैक्सीन की कीमत पर ये बोली सरकार
वैक्सीन की कीमत के सवाल पर केंद्र ने अपने हलफनामे में कहा है कि वैक्सीन की कीमतों पर सख्त नियंत्रण कई वैक्सीनों की और पर्याप्त मात्रा में सप्लाई सुनिश्चित में परेशानी खड़ा कर सकता है, खासकर विदेशी कंपनियों के मामले में। गौरतलब है कि केरल हाई कोर्ट ने राज्य में महामारी की स्थिति का स्वतः संज्ञान लिया था और 20 मई को हुई पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार से राज्य में वैक्सीनेशन पर समय सीमा मांगी थी।
केंद्र के दावे के विपरीत है जमीनी हकीकत, राज्य कर रहे किल्लत का सामना
बता दें कि कोर्ट में किए गए केंद्र के इस दावे के विपरीत जमीनी हकीकत कुछ और है और राज्यों के पास पर्याप्त मात्रा में खुराकें नहीं पहुंच रही हैं। इसके कारण दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्यों को कुछ जगहों पर वैक्सीनेशन बंद करना पड़ा है। वैक्सीनेशन की रफ्तार भी बेहद धीमी है और राज्य इसके लिए वैक्सीन की कम सप्लाई को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। केंद्र पर भाजपा शासित राज्यों को तरजीह देने का आरोप भी लगा है।
देश में क्या है वैक्सीनेशन की स्थिति?
16 जनवरी को वैक्सीनेशन अभियान शुरू होने के बाद से रविवार तक देशभर में कोरोना वैक्सीन की 19,60,51,962 खुराकें लग चुकी हैं। इनमें से 15,29,30,249 लोगों को कम से कम खुराक लग चुकी है, वहीं 4,31,21,713 लोग ऐसे हैं जिन्हें वैक्सीन की दोनों खुराकें लग चुकी हैं। वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार चिंता का विषय बनी हुई है और रविवार को देश में मात्र 9,42,722 खुराकें लगाई गईं। अभी 18 साल से अधिक उम्र का हर व्यक्ति वैक्सीनेशन का पात्र है।
महामारी की क्या स्थिति?
देश में रविवार को कोरोना वायरस से संक्रमण के 2,22,315 नए मामले सामने आए और 4,454 मरीजों की मौत हुई। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 2,67,52,447 हो गई है। इनमें से 3,03,720 लोगों को इस खतरनाक वायरस के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। सक्रिय मामलों की संख्या कम होकर 27,20,716 रह गई है। भारत से पहले केवल अमेरिका और ब्राजील ऐसे देश है, जहां कोरोना से तीन लाख से अधिक मौतें हुई हैं।