MBBS अंतिम वर्ष के छात्रों को कोरोना ड्यूटी में लगा सकती है सरकार
क्या है खबर?
देश में जारी कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर ने हाहाकार मचा दिया है। प्रतिदिन बढ़ते मरीजों से चिकित्सकीय ढांचा बुरी तरह से प्रभावित हो गया है।
अस्पतालों में बेड्स और ऑक्सीजन के साथ चिकित्साकर्मियों की कमी पड़ने लगी है। ऐसे में अब सरकार ने MBBS अंतिम वर्ष के छात्रों को कोरोना ड्यूटी पर लगाने की तैयारी की है।
रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में इस पर विस्तार से चर्चा हुई है।
जानकारी
मेडिकल और नर्सिंग पाठ्यक्रमों के छात्रों को किया जाएगा प्रोत्साहित
इंडिया टुडे ने सरकार सूत्रों के हवाले से लिखा है कि बैठक में कोरोना महामारी से बिगड़ती स्थिति को देखते हुए मेडिकल पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष के छात्रों और नर्सिंग विद्यार्थियों को कोरोना ड्यूटी में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने का निर्णय किया है।
इसी तरह राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) को स्थगित करने पर चर्चा की गई है। सूत्रों ने बताया कि सरकार के इस कदम से अस्पतालों में चिकित्साकर्मियों की कमी दूर हो सकेगी।
जानकारी
कोरोना ड्यूटी करने वाले छात्रों को सरकारी भर्तियों में मिलेगी प्राथमिकता
बैठक में महामारी के दौरान सरकार के सहयोग के लिए कोरोना ड्यूटी करने वाले मेडिकल और नर्सिंग विद्यार्थियों को भविष्य में होने वाली सरकारी भर्मियों में प्राथमिकता देने का भी निर्णय किया है। इसके अलावा इन विद्यार्थियों को वित्तीय सहायता भी दी जाएगी।
बेड्स
औद्योगिक इकाइयों के पास 10,000 ऑक्सीजन युक्त बेड्स बनाने का निर्णय
बैठक में अस्पतालों में बेड्स और ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए औद्योगिक इकाइयों के पास अस्थाई अस्पतालों का निर्माण करते हुए उनमें 10,000 ऑक्सीजन युक्त बेड्स बनाने का भी निर्णय किया गया है।
इसी तरह सरकार ने ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए नाइट्रोजन संयंत्रों में भी ऑक्सीजन का उत्पादन करने की योजना बनाई है। इसके अलावा गैसीय ऑक्सीजन का उत्पादन करने की भी योजना बनाई जा रही है।
पहचान
गैसीय ऑक्सीजन बनाने वाली इकाइयों की पहचान का कार्य जारी
बैठक के बाद एक अधिकारी ने कहा कि ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए सरकार अब शुद्ध रूप से गैसीय ऑक्सीजन बनाने की क्षमता रखने वाली इकाइयों की पहचान कर रही है।
इसमें उन इकाइयों को चिन्हित किया जाएगा जो शहरों और घनी आबादी क्षेत्रों के करीब संचालित हैं और जहां से ऑक्सीजन युक्त बेड्स पर आसानी से ऑक्सीजन पहुंचाई जा सके। इसका काम शुरू होने के बाद ऑक्सीजन की किल्लत में काफी हद तक कमी आएगी।
खराब स्थिति
ऑक्सीजन की कमी से हो रही है मरीजों की मौत
ऑक्सीजन की कमी से देश में अब तक कई मरीजों की मौत हो चुकी है। शनिवार को दिल्ली के महरौली के बत्रा अस्पताल में 12 मरीजों की मौत हो गई।
इससे पहले 23 अप्रैल को सर गंगाराम अस्पताल और 24 अप्रैल को जयपुर गोल्ड अस्पताल में भी 25-25 मरीजों की मौत हो चुकी है।
पंजाब के निजी अस्पताल में छह मरीज ऑक्सीजन की कमी से दम तोड़ चुके हैं। इसी तरह अन्य राज्यों में मौत के मामले सामने आए हैं।
संक्रमण
भारत में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से संक्रमण के 3,92,488 नए मामले सामने आए और 3,689 मरीजों की मौत हुई। महामारी की शुरुआत के बाद ये देश में एक दिन में हुई सबसे ज्यादा मौतें हैं।
इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 1,95,57,457 हो गई है। इनमें से 2,15,542 लोगों को इस खतरनाक वायरस के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 33,49,644 हो गई है।