ओडिशा: बीमार पद्मश्री पुरस्कार विजेता को अस्पताल में छुट्टी से पहले नाचने पर मजबूर किया
क्या है खबर?
ओडिशा के सरकारी अस्पताल में बड़ी ही हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। वहां छुट्टी से पहले पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित कलाकार कमला पुजारी को एक सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा नाचने पर मजबूर किया गया।
इसको लेकर परजा आदिवासी समुदाय के लोगों ने कड़ा विरोध जताया है और दोषी महिला सामाजिक कार्यकर्ता के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
समुदाय के लोगों ने कार्रवाई नहीं होने पर सड़कों पर उतरने की चेतावनी भी दी है।
पृष्ठभूमि
गुर्दे की बीमारियों से जूझ रही हैं पुजारी
पद्मश्री पुरस्कार विजेता पुजारी पिछले काफी समय से गुर्दे से संबंधित बीमारियों से जूझ रही हैं। उन्हें गत दिनों उपचार के लिए कटक के SBC मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की थी।
सोमवार को अस्पताल से छुट्टी मिलने से पहले सामाजिक कार्यकर्ता ममता बेहरा ने उन्हें नाचने पर मजबूर किया और पुजारी को न चाहते हुए भी उसके साथ नृत्य करना पड़ा।
वीडियो
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ घटना का वीडियो
इस घटना का खुलासा सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद हुआ।
इस वीडियो में बुजुर्ग पुजारी अस्पताल के ICU में नृत्य करती नजर आती है और उनके साथ सामाजिक कार्यकर्ता बेहरा भी नाचती दिखती है। वीडियो के बैकग्राउंड में संगीत बजते हुए भी सुना जा सकता है।
इसके बाद परजा आदिवासी समुदाय ने इसका विरोध शुरू कर दिया। समुदाय के अध्यक्ष हरीश मुदुली ने सामाजिक कार्यकर्ता के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर विरोध की चेतावनी दी है।
बयान
पुजारी बोली- मैं नहीं नाचना चाहती थी
घटना का वीडियो सामने आने और समुदाय के विरोध जताते के बाद कमला पुजारी ने कोरापुट जिले के कुछ टेलीविजन चैनलों से कहा, "मैं कभी भी नाचना नहीं चाहती थी, लेकिन सामाजिक कार्यकर्ता की जिद के आगे मजबूर थी। मैंने बार-बार नृत्य करने से इनकार किया, लेकिन बेहरा ने उनकी एक भी नहीं सुनी। मैं बीमार थी और नृत्य के कारण बहुत अधिक थक गई थी।"
उन्होंने कहा, "बेहरा ने नाचते हुए उनके साथ सेल्फी भी ली थी।"
सफाई
घटना के समय ICU में नहीं थी नर्सें- डॉ राउत
अस्पताल के रजिस्ट्रार (प्रशासन) डॉ अविनाश राउत ने कहा, "अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि पुजारी को ICU में नहीं, बल्कि एक विशेष केबिन में भर्ती कराया गया था। जिस महिला ने कथित तौर पर पुजारी को नाचने पर मजबूर किया था, वह विशेष केबिन में उससे मिलने आती थी। जब वो नाच रही थी, तब नर्सें वहां नहीं थीं।"
पुजारी के परिचारक राजीव हियाल ने कहा कि वह बेहरा को नहीं जानती थीं।
बयान
पुजारी का आलस्य दूर करने के लिए कराया नृत्य- बेहरा
इस मामले के तूल पकड़ने के बाद सामाजिक कार्यकर्ता बेहरा ने सफाई देते हुए कहा, "पुजारी को नृत्य कराने के पीछे उनका कोई भी बुरा इरादा नहीं था। उन्होंने पुजारी के आलस्य को दूर करने के लिए उन्हें नृत्य करने के लिए प्रेरित किया था।"
पुरस्कार
पुजारी को 2019 में किया गया था पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित
बता दें कि पुजारी को साल 2019 में जैविक खेती को बढ़ावा देने और धान सहित विभिन्न फसलों के स्वदेशी बीजों की 100 से अधिक किस्मों को संरक्षित करने के लिए पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
पुजारी परजा समुदाय से हैं, जो ओडिशा की एक प्रमुख अनुसूचित जनजाति है। राज्य की जनजातीय आबादी में इस समुदाय का करीब चार प्रतिशत हिस्सा है।
यह सुमदाय कोरापुट, नबरंगपुर, मलकानगिरी, कालाहांडी और रायगडा की पहाड़ियों और घाटियों में निवास करता है।