ओडिशा: अस्पतालों की बेरुखी से नवविवाहित कोरोना संक्रमित महिला की मौत, आठ घंटे भटकते रहे परिजन
कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर में तेजी से बढ़ते संक्रमण के मामलों के बाद अब अस्पतालों की बेरुखी कोरोना संक्रमितों की जिंदगी पर ग्रहण लगा रही है। ताजा मामला सामने आया है ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से, जहां कोरोना की रिपोर्ट नहीं होने के कारण अस्पतालों ने कोरोना वायरस से संक्रमित एक नवविवाहिता को भर्ती करने से इनकार कर दिया। ऐसे में महिला को समय पर उपचार नहीं मिला और उसकी सांसें थम गई।
28 अप्रैल को हुई थी महिला की शादी
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार स्वर्णलता पाल (25) की गत 28 अप्रैल को खोरधा जिले के इंडोलकुसियारी गांव के विष्णु चरण भोल के साथ शादी हुई थी। गत सप्ताह उसे बुखार की शिकायत हुई थी और उसकी तबीयत लगातार बिगड़ती गई। गत शनिवार को उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगी और उसका ऑक्सीजन लेवर 54 प्रतिशत पर आ गया। इसके बाद परिजन उसे बालीपटना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां से उसे भुवनेश्वर के कैपिटल अस्पताल में रेफर कर दिया।
रिपोर्ट के अभाव में अस्पतालों ने किया भर्ती करने से इनकार- भोल
स्वर्णलता के देवन निरंजन भोल ने बताया कि भुवनेश्वर के कैपिटल अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने उसे 25 किलोमीटर दूर कटक के SCB मेडिकल कॉलेज में रैफर कर दिया। इस दौरान स्वर्णलता की बिगड़ती हालत को देखकर वह उसे AIIMS भुवनेश्वर में ले गए। वहां अस्पताल प्रशासन ने कोरोना की रिपोर्ट नहीं होने के कारण भर्ती करने से इनकार कर दिया। इसके बाद वह एक निजी अस्पताल पहुंचे, लेकिन उसने भी भर्ती करने से इनकार कर दिया।
स्वर्णलता ने कैपिटल अस्पताल में तोड़ा दम
भोल ने बताया कि इसके बाद वह फिर से एक निजी अस्पताल में पहुंचे, लेकिन उन्होंने भी स्वर्णलता को एंबुलेंस में एक इंजेक्शन लगाकर कैपिटल अस्पताल रैफर कर दिया। उन्होंने डॉक्टर पर जब वहीं उपचार करने का दबाव बनाया तो पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने उन्हें कैपिटल अस्पताल जाने को कहा। वहां पहुंचने पर उसकी कोरोना की जांच कराई गई, जिसमें वह संक्रमित पाई गई। उसके कुछ देर बाद ही उसने दम तोड़ दिया।
एंबुलेंस चालक ने वसूल किया 25,000 रुपये किराया
भोल ने बताया कि निजी अस्पताल से कैपिटल अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस चालक ने उसने 25,000 रुपये किराया वसूल किया। स्वर्णलता की बिगड़ती हालत के कारण वह बहस नहीं कर पाए और उन्हें मुंहमांगे किराए का भुगतान करना पड़ा।
स्वास्थ्य निदेशक ने दिए मामले की जांच के आदेश
इस घटना को लेकर स्वास्थ्य निदेशक डॉ बिजय महापात्र ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा, "महिला के उपचार में सिस्टम कैसे फैल हो गया, इसकी जांच की जा रही है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से भी पूरा रिकॉर्ड मांगा गया है।" इसी तरह AIIMS भुवनेश्वर के चिकित्सा अधीक्षक सच्चिदानंद मोहंती और कैपिटल अस्पताल में निदेशक लक्ष्मीधर साहू ने मामले में टिप्पणी करने से इनकार करते हुए जांच कराने की बात कही है।
ओडिशा में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
ओडिशा में कोरोना वायरस के संक्रमण से लगातार हालत बिगड़ती जा रही है। राज्य में रविवार को संक्रमण के 11,732 नए मामले सामने आए हैं और 19 लोगों की मौत हुई है। राज्य में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 6,12,224 पर पहुंच गई है। इनमें से अब तक 2,313 मरीजों की मौत हो चुकी है और 5,14,532 लोग उपचार के बाद ठीक हो चुके हैं। राज्य में वर्तमान में सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 95,379 पर पहुंच गई है।