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करनाल: खट्टर का विरोध करने पहुंचे किसानों पर पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले

करनाल: खट्टर का विरोध करने पहुंचे किसानों पर पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले

Jan 10, 2021
01:54 pm

क्या है खबर?

हरियाणा पुलिस ने करनाल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की महापंचायत से पहले किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे हैं। दरअसल, मुख्यमंत्री खट्टर को रविवार को करनाल के कैमला गांव में कृषि कानूनों के समर्थन में होने वाली एक महापंचायत में हिस्सा लेना है। खट्टर के पहुंचने से पहले बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी किसान कैमला गांव में इकट्ठा होने शुरू हो गए। इस दौरान पुलिस ने किसानों को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले दागे हैं

जानकारी

मुख्यमंत्री के दौरे को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी

खट्टर के दौरे को देखते हुए करनाल और आसपास के इलाकों में भारी पुलिसबल को तैनात किया गया है। दौरे को लेकर पुलिस और प्रशासन अलर्ट पर हैं और कई वरिष्ठ अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है।

विरोध

काले झंडे लेकर रास्ते पर जमा हुए किसान

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुख्यमंत्री के दौरे के देखते हुए सुबह से कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान कैमला गांव के आसपास इकट्ठा होना शुरू हो गए थे। बड़ी संख्या में किसान हाइवे पर काले झंडे लेकर खड़े हो गए थे। बाद में जब उन्होंने रैली स्थल की तरफ बढ़ना शुरू किया तो पुलिस के साथ उनकी झड़प हो गई और उन पर आंसू गैस के गोले दागे गए। किसानों को बचने के लिए खेतों में छिपना पड़ा है।

ट्विटर पोस्ट

यहां देखिये वीडियो

विरोध

लगातार जारी है भाजपा नेताओं का विरोध

हरियाणा में कृषि कानूनों को लेकर भाजपा नेताओं का विरोध लगातार जारी है। बीते दिन हिसार में हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर रणवीर गंगवा की गाड़ी पर ईंट फेंकी गई। इससे गाड़ी का शीशा टूट गया। राहत की बात यह है कि इस दौरान किसी को चोट नहीं आई। दूसरी तरफ यमुनानगर के छछरौली में किसान शिक्षा मंत्री कंवरपाल के दौरे का विरोध करते हुए हाईवे पर बैठ गये। बड़ी मुश्किल ने उन्हें समझाकर रास्ता खुलवाया गया।

प्रतिक्रिया

कांग्रेस ने किसान महापंचायत को बताया ढोंग

दूसरी तरफ कांग्रेस ने मनोहर लाल खट्टर की इस किसान महापंचायत को ढोंग बताया है। पार्टी के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इसे लेकर ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, 'मनोहर लाल जी, करनाल के कैमला गाँव में किसान महापंचायत का ढोंग बंद कीजिए। अन्नदाताओं की संवेदनाओं एवं भावनाओं से खिलवाड़ करके क़ानून व्यवस्था बिगाड़ने की साज़िश बंद करिए। संवाद ही करना है तो पिछले 46 दिनों से सीमाओं पर धरना दे रहे अन्नदाता से कीजिए।"

विरोध

खट्टर को दिखाए जा चुके हैं काले झंडे

कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने बीते महीने अंबाला में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को काले झंडे दिखाए थे। पुलिस काफी मशक्कत के बाद मुख्यमंत्री की गाड़ी को प्रदर्शनकारियों के बीच से निकाल पाई थी। पुलिस ने खट्टर को काले झंडे दिखाने वाले 13 किसानों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया था, जिसे लेकर उसकी काफी आलोचना हुई थी। किसानों के विरोध को देखते हुए खट्टर के कई दौरे भी रद्द हो चुके हैं।

विरोध की वजह

क्यों विरोध कर रहे हैं किसान?

मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है। इनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और MSP से छुटकारा पाना चाहती है।