सरकार ने व्हाट्सऐप CEO को लिखा पत्र, नई प्राइवेसी पॉलिसी वापस लेने की बात कही
मैसेजिंग ऐप व्हाट्सऐप की ओर से अपने प्राइवेसी पॉलिसी में किए गए बदलावों पर अब भारत सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने मंगलवार को व्हाट्सऐप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) विल कैथार्ट को पत्र लिखकर उसके द्वारा मई में लागू की जाने वाली नई पॉलिसी को वापस लेने को कहा है। इसके अलावा मंत्रालय ने व्हाट्सऐप से अपनी डाटा शेयरिंग प्रक्रिया का भी खुलासा करने को कहा है।
व्हाट्सऐप ने किया है अपनी प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव
बता दें कि व्हाट्सऐप ने हाल ही में अपनी प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव किया है और नई पॉलिसी के तहत व्हाट्सऐप अब अपना डाटा फेसबुक के साथ शेयर करेगा। शुरूआत में यूजर्स को इस पॉलिसी को स्वीकार करने के लिए 8 फरवरी, 2021 तक का समय दिया गया था, अन्यथा उनका अकाउंट डिलीट या सस्पेंड हो जाएगा। हालांकि, यूजर्स के बढ़ते विरोध को देखते हुए कंपनी ने अंतिम तिथि को 15 मई तक के लिए बढ़ा दिया।
व्हाट्सऐप की सेवाओं के लिए भारत है बड़ा बाजार- मंत्रालय
मंत्रालय द्वारा कड़े शब्दों में लिखे पत्र में कहा गया है कि भारत वैश्विक स्तर पर व्हाट्सऐप का सबसे बड़ा उपयोगकर्ता है और उसकी सेवाओं के लिए सबसे बड़ा बाजार है। ऐसे में प्राइवेसी पॉलिसी में प्रस्तावित बदलाव भारतीय नागरिकों की पसंद और स्वायत्तता को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा करते हैं। मंत्रालय ने कहा कि कंपनी को प्रस्तावित बदलावों को वापस लेने और सूचना गोपनीयता, चयन की आजादी तथा डाटा सुरक्षा पर अपने नजरिए पर दोबारा विचार करना चाहिए।
एकतरफा बदलाव उचित और स्वीकार्य नहीं- मंत्रालय
मंत्राल ने पत्र में यह भी लिखा कि बड़ा बाजार होने के नाते व्हाट्सऐप को भारतीयों का उचित सम्मान देना चाहिए। ऐसे में व्हाट्सऐप की ओर से सेवा और प्राइवेसी पॉलिसी में किया गया कोई भी एकतरफा बदलाव उचित और स्वीकार्य नहीं होगा।
मंत्रालय ने व्हाट्सऐप को भेजी प्रश्नावली
मंत्रालय ने व्हाट्सऐप को निर्धारित प्रश्नावली भी भेजी है। जिसमें व्हाट्सऐप द्वारा भारत में प्रदान की गई सेवा, वो सटीक श्रेणियां जिनके तहत डेटा एकत्र किया जाएगा, विभिन्न व्हाट्सऐप एप्लीकेशन द्वारा जरूरी अनुमतियों और सहमति का विवरण यदि कंपनी एप्लिकेशन उपयोग के आधार पर यूजर्स की प्रोफाइलिंग करती है जैसी अन्य चीजों का विवरण देने को कहा है। इसके अलावा मंत्रालय ने भारत में अब तक लागू नीतियों की भी पूरी जानकारी मांगी है।
संसद में होगी व्हाट्सऐप पर चर्चा
रिपोर्ट्स के अनुसार 21 जनवरी को सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति में व्हाट्सऐप की प्राइवेसी पॉलिसी पर चर्चा होगी। इस बैठक में फेसबुक और टि्वटर के अधिकारी भी मौजूद रहेेंगे। उम्मीद है कि इस बैठक में नई प्राइवेसी पॉलिसी पर चर्चा के साथ ही यह चर्चा हो सकती है कि इसमें यूजर्स को डाटा कितना सुरक्षित है। ऐसे में अब उम्मीद जताई जा रही है कि भारत की सख्ती के बाद व्हाट्सऐप नई पॉलिसी को लागू नहीं करेगा।
मंत्रालय ने की व्हाट्सऐप के कदम की निंदा
मंत्रालय ने व्हाट्सऐप के भारतीय नागरिकों को उनकी प्राइवेसी पॉलिसी में हुए बदलावों को स्वीकार करने के लिए मजबूर करने पर नाराजगी व्यक्त की और कहा कि उन्हें यूरोप की तरह डेटा शेयरिंग से ऑप्ट-आउट करने का विकल्प क्यों नहीं दिया गया।
दिल्ली हाईकोर्ट ने नई प्राइवेसी पॉलिसी पर की थी टिप्पणी
बता दें दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को व्हाट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कड़ी टिप्पणी की थी। कोर्ट ने कहा था कि व्हाट्सऐप एक निजी ऐप है। इसका उपयोग करना या नहीं करने स्वेच्छा पर निर्भर करता है। यदि इसके उपयोग से निजता भंग होती है तो इसका उपयोग बंद कर दें और किसी अन्य ऐप का उपयोग करें। कोर्ट ने व्हाट्सऐप को नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया।
व्हाट्सऐप के इंस्टॉलेशन में आई 35 प्रतिशत की गिरावट
बता दें कि व्हाट्सऐप द्वारा नई प्राइवेसी पॉलिसी लाने के बाद गत 6 से 10 जनवरी के बीच उसके इंस्टालेशन में 35 प्रतिशत की गिरावट आई है। इस दौरान अधिकतर यूजर्स सिग्नल और टेलीग्राम जैसे अन्य मैसेजिंग ऐप्स की तरफ चले गए हैं।