दुनिया की सबसे तेज वृद्धि वाली अर्थव्यवस्था भारत, 7.3 प्रतिशत रहेगी विकास दर- विश्व बैंक
आमचुनाव से पहले केंद्र सरकार के लिए आर्थिक मोर्चे पर खुशखबरी आई है। विश्व बैंक ने अनुमान लगाया है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 7.3 फीसदी की दर से बढ़ेगा। यह इस साल दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था होगी। विश्व बैंक ने अनुमान लगाया है कि अगले दो वित्तीय वर्षों में यह 7.5 प्रतिशत पहुंच जाएगी। नोटबंदी और GST के कारण आई मंदी से अर्थव्यवस्था अब उभर रही है।
GST और नोटबंदी के झटके से उभर रही है अर्थव्यवस्था
विश्व बैंक ने अपनी इस रिपोर्ट में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) और नोटबंदी का जिक्र भी किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि GST और नोटबंदी ने अनौपचारिक क्षेत्रों को औपचारिक क्षेत्रों में बदलने के लिए प्रोत्साहित किया है।
भारत ने चीन को पछाड़ा
विश्व बैंक के अनुमान के मुताबिक, इस वित्त वर्ष में चीन की GDP पिछले वित्त वर्ष की 6.5 प्रतिशत से कम होकर इस साल 6.3 प्रतिशत रहेगी, जो भारत की विकास दर से कम है। वित्तीय वर्ष 2019 और 2020 में चीन की GDP की रफ्तार 6.2 प्रतिशत रहेगी। साथ ही 2021 में चीन की विकास दर 6 फीसदी रहने का अनुमान है। यह आंकड़ा विश्व बैंक द्वारा जारी की गई ग्लोबल इकॉनोमिक प्रोसपेक्टस रिपोर्ट पर आधारित है।
विकास दर में जारी रहेगी बढ़ोतरी
विश्व बैंक ने रिपोर्ट में बताया है कि भारत की विकास दर में अगले वित्त वर्ष भी बढ़ोतरी जारी रहेगी। वित्त वर्ष 2020 में यह बढ़कर 7.5 प्रतिशत पहुंच जाएगी। GDP में बढ़त निवेश और खपत में बढ़ोतरी की वजह से हो रही है। वित्त वर्ष 2017 में भारत की विकास दर 6.7 प्रतिशत थी। इस गिरावट की वजह नोटबंदी और GST को माना गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले समय में दक्षिण एशियाई अर्थव्यवस्था में बढ़ोतरी जारी रहेगी।
क्या है GDP?
GDP यानी सकल घरेलू उत्पाद किसी भी देश की आर्थिक हालत को मापने का सबसे सटीक पैमाना है। यह एक देश के भीतर एक खास अवधि के दौरान वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन की कुल कीमत है। भारत में कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्र, तीन ऐसे प्रमुख घटक हैं जिनमें उत्पादन बढ़ने या घटने के औसत के आधार पर GDP दर तय होती है। GDP बढ़ने का मतलब है कि देश की आर्थिक विकास दर बढ़ी है।
आप पर कैसे असर डालती है GDP?
GDP का सीधा संबंध अर्थव्यवस्था से होता है। GDP बढ़ने और कम होने की स्थिति में इसका सीधा असर शेयर बाजार पर पड़ता है। GDP घटने का मतलब है कि देश में उत्पादन कम हो रहा है। इसका असर लोगों के रोजगार पर पड़ता है। अगर उत्पादन कम होगा तो लोगों की नौकरियां चली जाएंगी, जिससे बेरोजगारी बढ़ेगी। वहीं उत्पादन बढ़ने से GDP बढ़ती है और लोगों को रोजगार के ज्यादा मौके मिलते हैं।