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मोदी सरकार के नए कानून के तहत नीरव मोदी भगोड़ा घोषित, जानें क्या है ये कानून

मोदी सरकार के नए कानून के तहत नीरव मोदी भगोड़ा घोषित, जानें क्या है ये कानून

Dec 05, 2019
01:36 pm

क्या है खबर?

गुरूवार को मुंबई की विशेष अदालत ने 13,000 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले में नीरव मोदी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया। पिछले साल मोदी सरकार द्वारा बनाए गए भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम के तहत भगोड़ा करार दिए जाने वाले वो दूसरे कारोबारी हैं। इससे पहले विजय माल्या को इस कानून के तहत भगोड़ा घोषित किया जा चुका है। नीरव मोदी अभी लंदन की वेंड्सवर्थ जेल में बंद है। आइए जानें क्या है ये कानून।

जानकारी

क्या है भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम?

देशभर में कारोबारियों के बैंकों से कर्ज लेकर वापस न करने, कर्ज लेने में फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करने और कार्रवाई से बचने के लिए देश से भागने के बढ़ते मामलों को देखते हुए मोदी सरकार ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 बनाया था। पिछले साल अगस्त में राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बात प्रभावी हुए इस कानून का लक्ष्य आर्थिक अपराधियों को देश छोड़कर भागने से रोकना है, ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके।

अपराधी कौन?

कौन होता है भगोड़ा आर्थिक अपराधी?

नए कानून के मुताबिक, एक कारोबारी जिसके खिलाफ 100 करोड़ रुपये या उससे अधिक के आर्थिक अपराध के मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ हो और जो कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए देश छोड़कर भाग गया हो, उसे एक भगोड़ा आर्थिक अपराधी माना जाएगा। इस कानून से जांच एजेंसियों को भगोड़े आर्थिक अपराधियों की संपत्ति जब्त करने का अधिकार प्राप्त होता है। जनवरी में माल्या इस कानून के तहत भगोड़ा घोषित किए जाने वाले पहले व्यक्ति बने थे।

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PNB घोटाला

क्या है PNB घोटाला?

हीरा कारोबारी रहे नीरव मोदी ने अपने मामा मेहुल चोकसी के साथ 13,000 करोड़ रुपये के PNB घोटाले को अंजाम दिया था। दोनों ने फर्जी दस्तवाजें के सहारे कई बैंकों से कर्ज लिया था जिसे वापस नहीं किया गया। पिछले साल मार्च में मामले का खुलासा होने से पहले ही नीरव और चोकसी देश छोड़कर भाग गए थे। चोकसी ने एंटीगुआ और बरमूडा की नागरिकता ले ली थी। वहीं नीरव मोदी लंदन की जेल में बंद है।

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घोटाला

कैसे दिया गया घोटाले को अंजाम?

एक ऑडिट के अनुसार, PNB ने नीरव मोदी समूह को 28,000 करोड़ रुपये की कीमत के 1,561 लैटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoU) जारी किए थे। इनमें से 25,000 करोड़ की कीमत के 1,381 LoU धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेजों के जरिए हासिल किए गए थे। जिन लोगों को LoU जारी किया गया, उनमें से 99.93 प्रतिशत पर नीरव मोदी का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष नियंत्रण था। मामले में PNB के अधिकारियों की मिलीभगत भी सामने आई थी।

जानकारी

नीरव के भारत प्रत्यर्पण के लिए चल रहा केस

नीरव मोदी को 19 मार्च को लंदन में गिरफ्तार कर लिया गया था। उसके भारत प्रत्यर्पण के लिए लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में केस चल रहा है। नीरव चार बार कोर्ट में जमानत याचिका दायर चुका है, लेकिन हर उसकी याचिका खारिज कर दी गई।

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