
हाफिज सईद आतंकी फंडिंग केस: तीन NIA अधिकारियों पर रिश्वत मांगने का आरोप, किए गए बाहर
क्या है खबर?
आतंकी फंडिंग के एक केस में जांच कर रहे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के 3 अधिकारियों को रिश्वत मांगने के आरोप में केस से हटा दिया गया है।
अधिकारियों ने केस से दिल्ली के एक कारोबारी का नाम हटाने के लिए 2 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी।
आतंकी फंडिंग के इस केस में लश्कर-ए-तैयबा का सरगना और मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड हाफिज सईद भी आरोपी है।
पूरा मामला क्या है, आइए आपको बताते हैं।
पृष्ठभूमि
क्या है आतंकी फंडिंग का पूरा मामला?
अपनी जांच के आधार पर NIA ने पिछले साल पाकिस्तान के फलाह-ए-इंसानियत (FIF) संगठन के उपाध्यक्ष शाहिद महमूद और अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था।
FIF हाफिज सईद का संगठन है। आरोप है कि महमूद ने धार्मिक काम के नाम पर दिल्ली और हरियाणा में आतंकी स्लीपर सेल बनाने की कोशिश की थी।
इसके लिए दुबई में रहने वाले पाकिस्तानी नागरिक मोहम्मद कामरान ने दुबई के रास्ते भारत पैसा भेजा।
चार्जशीट
चार्जशीट में हाफिज सईद का भी नाम
NIA मामले में 2 चार्जशीट दायर कर चुकी है।
पिछले महीने दायर दूसरी चार्जशीट में 7 लोगों का नाम शामिल किया गया था।
इन पर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) कानून के तहत आपराधिक साजिश के आरोप तय किए गए थे।
आरोपियों में महमूद और कामरान के अलावा हाफिज का नाम भी शामिल था।
मामले में NIA ने दिल्ली के 2 और राजस्थान के 1 व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया है।
शिकायत
एक महीने पहले मिली NIA को शिकायत
पिछले महीने NIA को मामले की जांच कर रही टीम में शामिल एक SP और 2 जूनियर अधिकारियों के खिलाफ शिकायत मिली।
शिकायत में कहा गया कि उन्होंने आतंकी फंडिंग के इस केस में नाम न शामिल करने के लिए दिल्ली के एक कारोबारी से 2 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी।
अब तीनों अधिकारियों का एजेंसी से बाहर तबादला कर दिया गया है।
DIG रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता वाली एक टीम मामले की जांच कर रही है।
बयान
NIA ने कहा, तबादले का मतलब ये नहीं कि आरोप सच हैं
मामले पर बयान जारी करते हुए NIA ने कहा, "NIA ऐसी शिकायतों को बहुत गंभीरता से लेती है। शुरूआती कदम के तौर पर अधिकारियों का एजेंसी से बाहर तबादला कर दिया गया है। इसका मतलब ये नहीं है कि आरोप सही हैं। मामले में जांच चल रही है। जांच पूरी होने के बाद ही सब साफ होगा। जांच के आधार पर ही कोई कार्रवाई होगी।"
NIA ने मामले तीनों अधिकारियों और कारोबारी का नाम सार्वजनिक नहीं किया है।