गर्मी का प्रकोप जारी, दुनिया के 15 सबसे गर्म शहरों में भारत के 10 शहर
देश का उत्तरी भाग भीषण गर्मी से जूझ रहा है। रविवार को दुनिया के सबसे गर्म 15 स्थानों में से 10 स्थान उत्तरी भारत के थे। राजस्थान के चुरू और श्रीगंगानगर में रविवार को क्रमशः 48.9 और 48.6 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। ये दुनिया के सबसे गर्म स्थान रहे। इसके बाद पाकिस्तान का जकोबाबाद (48 डिग्री सेल्सियस), बांदा (47.4 डिग्री सेल्सियस) और हरियाणा का नारनौंद (47.2 डिग्री सेल्सियस) के साथ शीर्ष पांच गर्म शहरों में शामिल थे।
भारत और पाकिस्तान के शहर सबसे गर्म
दुनिया के 15 सबसे गर्म शहरों में बाकी पांच पाकिस्तान थे। इससे यह पूरा इलाका दुनिया का सबसे गर्म इलाका रहा। खास बात यह है कि त्रिपुरा के अगरता में शनिवार से दुनिया में सबसे ज्यादा बारिश हुई है।
पहाड़ी इलाकों में औसत से ज्यादा तापमान
रविवार को भारत का दो तिहाई हिस्सा हीटवेव की चपेट में रहा। दिल्ली, जयपुर, कोटा, हैदराबाद और लखनऊ में पारा 45 डिग्री को पार कर गया। शिमला, नैनीताल और श्रीनगर जैसे पहाड़ी इलाकों में भी तापमान औसत से 2-4 डिग्री ज्यादा दर्ज किया गया। शिमला में रविवार को अधिकतम 32 डिग्री सेल्सियस और नैनीताल में 33 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पहाड़ी इलाकों में तापमान अपेक्षाकृत कम रहता है, लेकिन इस बार यह सारे रिकॉर्ड तोड़ रहा है।
कब मानी जाती है हीटवेव
जब पहाड़ी इलाकों में तापमान 30 डिग्री, तटीय इलाकों में 37 डिग्री और मैदानी इलाकों में 40 डिग्री से पार पहुंच जाता तो इसे हीटवेव माना जाता है। इन दिनों अधिकतर इलाकों में हीटवेव चल रही है। मौसम विभाग के मुताबिक, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, दिल्ली, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, यूपी, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक आदि राज्यों में हीटवेट जारी रहेगी। इन इलाकों के लोगों से सावधानी बरतने को कहा गया है।
अगले एक-दो दिन में मिल सकती है राहत
भारतीय मौसम विभाग के आंकड़ों के अध्ययन के बाद यह सामने आया है कि पिछले दो दशकों में हिल स्टेशन पर गर्मी बढ़ी है। एक जून को उत्तराखंड के मसूरी में तापमान 38 डिग्री को पार कर गया। हालांकि, अगले एक-दो दिनों में इससे राहत मिलने की उम्मीद है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले एक-दो दिन में जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में बारिश और तूफान आ सकता है।
तेलंगाना में बीते पखवाड़े में 17 की मौत
हीटवेव से सबसे ज्यादा प्रभावित तेलंगाना हुआ है। बीते पखवाड़े में यहां गर्मी और लू से 17 लोगों की मौत हो चुकी है। आंध्र प्रदेश में तीन लोग गर्मी और लू के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं। इसके अलावा सैंकड़ों लोग बीमार हो चुके हैं। ये राज्य हर बार गर्मी का सबसे ज्यादा प्रकोप झेलते हैं। 2015 में जानलेवा लू के कारण आंध्र प्रदेश में 1,300 से ज्यादा और तेलंगाना में 500 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।
आठ सालों में हीटवेव से 6,167 लोगों की मौत
संसद में दी गई जानकारी के मुताबिक, 2010 से लेकर 2018 के बीच में हीटवेव से 6,167 लोगों की जान जा चुकी है। अकेले 2015 में 2,081 मौतें हुई थीं। भीषण गर्मी से कई इलाकों पानी का संकट पैदा हो गया है।
पानी का संकट गहराया
भीषण गर्म के चलते महाराष्ट्र के विदर्भ और मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड में पानी का संकट गहरा गया है। लोगों को पीने के पानी के लिए लंबी-लंबी लाइनें लगानी पड़ रही है। मौसम विभाग के मुताबिक, पिछले साल की तुलना में इस साल 79 प्रतिशत कम बारिश होगी। विदर्भ और बुंदेलखंड में बने बांधों में पानी का स्तर उनकी क्षमता से 10 प्रतिशत कम हो गया है। केंद्रीय पानी कमीशन के मुताबिक, यह जलस्तर 10 सालों का सबसे कम है।