गुजरात तट की तरफ बढ़ रहा चक्रवात वायु, लाखों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया
गुरुवार सुबह गुजरात के तट से टकराने वाले चक्रवाती तूफान वायु का असर दिखना शुरू हो गया है। गुजरात और महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में बुधवार सुबह से तेज हवाएं चल रही हैं, जिसकी वजह से कई जगहों पर पेड़ गिर गए हैं। वायु को लेकर अलर्ट जारी किया जा चुका है। वायु 13 जून को गुजरात के पोरबंदर और कच्छ क्षेत्र में पहुंचेगा। इसे देखते हुए तीन लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है।
सेना की 10 टुकड़ियां तैनात
गुजरात के अलावा वायु से महाराष्ट्र, कर्नाटक और गोवा के कुछ इलाके भी प्रभावित होंगे। गुजरात में राहत और बचाव कार्य के लिए सेना की 10 टुकड़ियों और राष्ट्रीय आपदा राहत बल की 30 टीमों को तैनात किया गया है।
तटीय इलाकों के स्कूल बंद
अनुमान लगाया जा रहा है कि यह तूफान गुरुवार सुबह पोरबंदर और महुवा इलाके के बीच तट से टकराएगा। इस दौरान इसकी रफ्तार 110-135 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है। तूफान की आशंका को देखते हुए वलसाड के कई गांवों में अलर्ट जारी किया गया है। ऐहतियाती कदम उठाते हुए सरकार ने वलसाड में तटीय इलाकों पर बसे गांवों के स्कूल बंद रखने का आदेश दिया है। फिलहाल यह तूफान कोंकण तट से सौराष्ट्र की तरफ बढ़ रहा है।
नुकसान की आशंका देखते हुए अलर्ट जारी
चक्रवात से पोरबंदर, जूनागढ़, गिर सोमनाथ और अमरेली जिलों में तटीय फसलों और कच्चे मकानों को बड़े नुकसान की आशंका जताई जा रही है। इस बीच मौसम विभाग ने इलाके में मछली पकड़ने पर पूरी तरह पाबंदी लगाने का सुझाव दिया है। अलर्ट में लहरों के आधा मीटर अधिक ऊंची रहने की बात भी कही गई है। चक्रवात से गुजरात के पोरबंदर, जूनागढ़, गिर सोमनाथ और अमरेली जिलों में सबसे अधिक नुकसान की आशंका है।
कई राज्यों के मछुआरों को भी किया गया अलर्ट
मौसम विभाग ने अन्य राज्यों में भी वायु चक्रवात को लेकर अलर्ट जारी किया है। कोंकण और गोवा में 11-13 जून को भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है, वहीं गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ में 12-13 जून को भारी बारिश का अलर्ट है। वहीं, अरब सागर से सटे राज्यों, केरल, कर्नाटक, लक्षद्वीप, महाराष्ट्र और गुजरात, के मछुआरों को मछली पकड़ने के लिए समुद्र में न जाने को कहा है।
ऐहतियात के तौर पर कांडला पोर्ट को बंद किया गया
मई में फेनी ने मचाई थी तबाही
मई की शुरुआत में भारत के पूर्वी तटीय राज्यों में भी चक्रवाती तूफान फेनी आया था। फेनी वायु से ज्यादा खतरनाक था। इसका मुख्य असर ओडिशा में देखने को मिला था, जहां करोड़ो रुपये की संपत्ति का नुकसान होने के अलावा 34 लोगों की मौत हो गई। हालांकि राज्य सरकार के समय रहते उठाए गए कदमों और शानदार राहत और बचाव अभियान से यह नुकसान बहुत सीमित हो गया। राज्य सरकार के इन कदमों की दुनियाभर में सराहना हुई थी।