मोदी सरकार की योजना के नाम पर धोखाधड़ी कर रहा था IIT से पढ़ा शख्स, गिरफ्तार
क्या है खबर?
दिल्ली पुलिस ने प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले एक व्यक्ति राकेश जांगिड़ को गिरफ्तार किया है।
23 वर्षीय राकेश राजस्थान के नागौर जिले के रहने वाले हैं और उन्होंने IIT कानपुर से पढ़ाई की है।
राकेश पर आरोप है कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर एक फर्जी वेबसाइट बनाई और इसके जरिए लोगों को फ्री लैपटॉप और सोलर पैनल बांटने के नाम पर भ्रमित किया।
आइये, जानते हैं कि यह पूरा मामला क्या है।
वायरल मैसेज
व्हाट्सऐप के जरिए वायरल किया मैसेज
राकेश की वेबसाइट पर दावा किया जाता था कि प्रधानमंत्री मुफ्त लैपटॉप योजना के तहत 2 करोड़ युवाओं को फ्री लैपटॉप दिए जाएंगे।
राकेश ने फर्जी मैसेज के सहारे अपनी इस वेबसाइट को व्हाट्सऐप के जरिए लोगों तक पहुंचाया। इस मैसेज में प्रधानमंत्री मोदी की फोटो और 'मेक इन इंडिया' का लोगो लगा हुआ था।
इसके जरिए राकेश लोगों को लैपटॉप के लिए रजिस्टर करनेे को कहते थे। असल बात यह है कि सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है।
ट्विटर पोस्ट
व्हाट्सऐप पर भेजा जाता था यह मैसेज
FAKE NEWS ALERT
— Madhur Verma (@IPSMadhurVerma) June 2, 2019
Cyber crime unit of @DelhiPolice has already arrested the accused behind this fake message being circulated on WhatsApp. There is no such free laptop scheme. Pls do not believe and pay any amount to them. #SpreadTheWord pic.twitter.com/weCOoUNO9t
जानकारी
20 लाख लोगों ने किया रजिस्टर
राकेश ने जिस मकसद के लिए यह फर्जीवाड़ा शुरू किया था, उसमें वो एक हद तक कामयाब हो गए। लगभग 20 लाख लोगों ने इसके लिए रजिस्टर किया है। उनका नाम, उम्र, राज्य और मोबाइल नंबर समेत पर्सनल डाटा राकेश के पास चला गया।
योजना
ऐड से पैसा कमाने की थी योजना
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आम चुनावों में भाजपा की जीत के बाद राकेश ने यह वेबसाइट शुरू की और लोगों को फ्री लैपटॉप का लालच दिया।
उन्होंने बताया कि राकेश अपनी वेबसाइट पर ट्रैफिक बढ़ाकर रेवेन्यू कमाना चाहता था। उसकी योजना थी कि वह लोगों का पर्सनल डाटा साइबर अपराधियों को बेचेगा।
पुलिस ने बताया कि राकेश की वेबसाइट पर अभी तक 15.2 मिलियन पेज व्यूज और 68,000 से ज्यादा क्लिक आ चुके हैं।
जानकारी
पुलिस ने खुद शुरू की जांच-पड़ताल
खास बात यह है कि इस मामले में पुलिस को कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली थी। पुलिस ने ऑनलाइन मॉनिटरिंग करते हुए देखा कि इस वेबसाइट के व्यूज में भारी बढ़ोतरी हुई है। इसके बाद पुलिस का शक बढ़ता गया और राकेश की गिरफ्तारी हुई।
सावधानी
सोशल मीडिया पर फर्जी वेबसाइट से बचकर रहें
यह पहला मामला नहीं है जब ऐसे फर्जी वेबसाइट के जरिए लोगों का पर्सनल डाटा हासिल करने की कोशिश की गई है।
इससे पहले कई ऐसे फर्जी मैसेज वायरल हो चुके हैं, जिनमें यूजर्स को अलग-अलग प्रकार के लालच दिए जाते हैं।
इन सबका मकसद यूजर्स का डाटा हासिल करना होता है। इसलिए अगर आपके पास ऐसा कोई मैसेज आए तो सावधान रहें।
ऐसे मैसेज पर न तो भरोसा करें और न ही इसे फॉरवर्ड करें।