
नेपाल-भारत के बीच हुए 7 समझौते, प्रधानमंत्री मोदी बोले- हिमालय जितनी ऊंचाई तक ले जाएंगे संबंध
क्या है खबर?
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' भारत दौरे पर हैं। आज राजधानी दिल्ली में प्रचंज और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच मुलाकात हुई। इस दौरान दोनों ने संयुक्त रूप से कई परियोजनाओं को हरी झंडी दिखाई।
नेपाल के प्रधानमंत्री के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "आज मैंने और प्रधानमंत्री प्रचंड ने भविष्य में हमारी भागेदारी को सुपरहिट बनाने के लिए बहुत से महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं।"
समझौता
दोनों देशों के बीच कौन-कौन से समझौते हुए?
दोनों देशों के बीच व्यापार और ऊर्जा सहित कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए 7 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं। आदान-प्रदान इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन अफेयर्स, नेपाल और सुषमा स्वराज इंस्टीट्यूट फॉर फॉरेन सर्विस, भारत के बीच भी समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं।
भारत और नेपाल के बीच दीर्घकालीन बिजली व्यापार समझौता भी किया गया है। इसके तहत अगले 10 साल में नेपाल से 10,000 मेगावाट बिजली का आयात करने का लक्ष्य रखा गया है।
बयान
प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वे नेपाल-भारत संबंधों को हिमालय जितनी ऊंचाई तक ले जाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, "हम अपने रिश्तों को हिमालय जितनी ऊंचाई देने के लिए काम करते रहेंगे। इसी भावना से हम सभी मुद्दों का समाधान करेंगे। भारत और नेपाल के धार्मिक और सांस्कृतिक संबंध बहुत पुराने और मजबूत हैं। इन्हें और मजबूती देने के लिए प्रचंड जी और मैंने निश्चय किया है कि रामायण सर्किट से संबंधित परियोजनाओं में तेजी लायी जानी चाहिए।"
मालगाड़ी
बिहार से नेपाल के बीच मालगाड़ी को दिखाई हरी झंडी
दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने 6 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की शुरुआत की। भारत और नेपाल के बीच 183 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित मोतिहारी-अमलेखगंज तेल पाइपलाइन के फेज-2 का शिलान्यास किया गया।
कुरथा से बिजलपुरा के बीच 17.4 किलोमीटर लंबे यात्री ट्रेनों के दूसरे फेज की भी शुरुआत की गई।
बिहार के बथनाहा से नेपाल कस्टम यार्ड के लिए एक मालवाहक रेलगाड़ी को भी हरी झंडी दिखाई गई। इससे दोनों देशों के बीच सामानों की आवाजाही में आसानी होगी।
न्योता
दहल ने मोदी को दिया नेपाल आने का न्योता
प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने मोदी को नेपाल आने का न्योता भी दिया। उन्होंने कहा कि नेपाल और भारत के बीच संबंध सदियों पुराने और बहुआयामी हैं। इससे पहले प्रचंड ने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
बता दें कि प्रचंड 31 मई से भारत दौरे पर हैं। बतौर प्रधानमंत्री ये उनका चौथा भारत दौरा है। वे 4 जून को नेपाल रवाना होंगे।
शुक्रवार को वे उज्जैन स्थित महांकाल मंदिर में दर्शन करने जाएंगे।