तमिलनाडु और राजस्थान में सबसे ज्यादा कोरोना वैक्सीन बर्बाद, केरल और बंगाल में सबसे कम
सूचना के अधिकार (RTI) के तहत प्राप्त की गई जानकारी में सामने आया है कि भारत में 11 अप्रैल तक कोरोना वायरस वैक्सीन की लगभग 45 लाख खुराकें बर्बाद हो चुकी थीं। यह इस तारीख तक आवंटित की गईं कुल 10 करोड़ खुराकों के 4.3 प्रतिशत से अधिक हैं। तमिलनाडु और राजस्थान ऐसे राज्य हैं जहां सबसे अधिक खुराकें बर्बाद हुईं। राजस्थान बर्बाद खुराकों की संख्या तो तमिलनाडु प्रतिशत में सबसे आगे रहा।
राजस्थान में बर्बाद हुईं छह लाख से अधिक खुराकें
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, RTI के जवाब में सामने आया कि 11 अप्रैल तक देश में कोरोना वैक्सीन की 10.34 करोड़ खुराकों में से 44.78 लाख से ज्यादा खुराकें बर्बाद हो चुकी थीं। राजस्थान में सबसे अधिक 6,10,551 खुराकें बर्बाद हुईं, वहीं उसके बाद तमिलनाडु में 5,04,724, उत्तर प्रदेश में 4,99,115 और महाराष्ट्र में 3,56,725 खुराकें खराब हुईं। गुजरात में भी 3.56 लाख खुराकें बर्बाद हुईं, वहीं बिहार में यह आंकड़ा लगभग 3.38 लाख रहा।
प्रतिशत बर्बादी के मामले में तमिलनाडु सबसे आगे
प्रतिशत के हिसाब से बात करें तो तमिलनाडु में सबसे अधिक 12.10 प्रतिशत खुराकें बर्बाद हुईं। 9.74 प्रतिशत बर्बादी के साथ हरियाणा इस मामले में दूसरे स्थान पर रहा। इसी तरह पंजाब में 8.12 प्रतिशत खुराकें बर्बाद हुई, वहीं मणिपुर में 7.80 प्रतिशत और तेलंगाना में 7.55 प्रतिशत खुराकें बर्बाद हुईं। बता दें कि 6 प्रतिशत से अधिक बर्बादी को बेहद खराब माना जाता है और ये सभी राज्य इसी सूची में आते हैं।
केरल औऱ बंगाल समेत इन राज्यों में नहीं बर्बाद हुई एक भी खुराक
11 अप्रैल तक वैक्सीन की सबसे कम खुराकें बर्बाद करने वाले राज्यों की बात करें तो केरल, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, मिजोरम, गोवा, दमन एवं दीव, अंडमान निकोबार और लक्षद्वीप इस सूची में सबसे आगे रहे। RTI के जवाब के अनुसार, इन राज्यों में एक भी खुराक बर्बाद नहीं हुई जो रिकॉर्ड है। महाराष्ट्र में बर्बाद खुराकों की संख्या तो अधिक है, लेकिन अधिक खपत के कारण वैक्सीन बर्बादी का प्रतिशत 3.2 प्रतिशत ही है।
देश में क्या है वैक्सीनेशन अभियान की स्थिति?
16 जनवरी को शुरू हुए कोरोना वैक्सीनेशन अभियान के तहत भारत में अब तक 12,71,29,113 खुराकें लगाई जा चुकी हैं जिनमें से 32,76,555 खुराकें सोमवार को लगाई गईं। देश में 10,96,59,181 लोगों को केवल एक ही खुराक लगी है, वहीं 1,74,69,932 लोगों को दोनों खुराकें लग चुकी हैं। अभी देश में 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है और 1 मई से 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोग वैक्सीन लगवा सकेंगे।
वैक्सीनेशन में तेजी लाने के लिए सरकार ने उठाए हैं कई कदम
कोरोना के मामलों में रिकॉर्ड उछाल के बीच वैक्सीनेशन अभियान में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार ने कुछ महत्वपूर्ण कदम भी उठाए हैं। अन्य देशों में उपयोग की जा रही विदेशी वैक्सीनों के लिए अनुमति की प्रक्रिया को फास्ट ट्रैक करने का निर्देश दिया गया है और उन पर लगने वाले आयात शुल्क को भी खत्म कर दिया गया है। राज्यों को खुद से वैक्सीन खऱीदने की इजाजत भी दी गई है। कंपनियां भी बाजार में वैक्सीन बेच सकेंगी।