दिल्ली: NCDC ने त्योहारी सीजन के लिए जारी की एडवाइजरी, जताई संक्रमण फैलने की आशंका
देश में तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप आगामी त्योहारी सीजन को देखते हुए नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) ने राजधानी दिल्ली के लिए एडवाइजरी जारी की है। NCDC का मानना है कि त्योहारी सीजन और आने वाली सर्दियों में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल सकता है। ऐसे में दिल्ली सरकार को इस संभावित खतरे से बचने के लिए कार्य योजना तैयार करनी होगी और त्योहारी सीजन में भीड़ को एकत्र होने से रोकना होगा।
बड़ी सभाओं का आयोजन रोके सरकार
NCDC की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सरकार को योजना बनाने वाले, विपक्ष, धार्मिक नेताओं और लोगों तक पहुंच बनाकर त्योहारी सीजन में बड़ी सभाओं को रोकने तथा कार्यक्रमों को बिना दर्शकों के ही आयोजित करने की योजना बनानी होगी। इस योजना को मूर्त रूप दिए जाने के बाद ही कोरोना के संभावित खतरे को कम किया जा सकता है। कोरोना से लड़ाई में अगले तीन महीने अहम होंगे।
एडवाइजरी में दिया महाराष्ट्र और केरल का उदाहरण
NCDC ने कहा है कि कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में गत दिनों गणेश चतुर्थी कार्यक्रमों के आयोजित होने से तेजी से संक्रमण का प्रसार हुआ था। यही हालत केरल में प्रमुख त्योहार ओणम के दौरान हुई थी। ऐसी स्थिति दिल्ली में नहीं होनी चाहिए। यदि ऐसा होता है तो सरकार द्वारा कोरोना से बचाव के लिए अभी तक के किए गए सभी प्रयासों पर पानी फिर जाएगा और तेजी से संक्रमण का प्रसार होगा।
दिल्ली में प्रतिदिन 15,000 नए मामले सामने आने का खतरा
कोरोना संकट को लेकर नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल की अध्यक्षता वाले विशेषज्ञ समूह के दिशानिर्देश पर NCDC ने रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट का नाम 'दिल्ली में कोरोना नियंत्रण के लिए संशोधित रणनीति 3.0' है। इसमें कहा गया है कि दिल्ली में कोरोना संक्रमण के प्रतिदिन 15,000 मामले सामने आ सकते हैं। ऐसे में दिल्ली को प्रतिदिन आने वाले 15,000 मामलों के हिसाब से अपनी तैयारी करनी होगी।
दिल्ली सरकार को यह करने होगे इंतजाम
NCDC की रिपोर्ट में कहा गया कि सर्दियों में सांस की समस्या और गंभीर होती है। इसके साथ त्योहार के चलते मामले अचानक बढ़ सकते हैं। ऐसे में सरकार को मॉडरेट गंभीर बीमारी के मरीजों के इलाज के लिए अस्पताल में 20 प्रतिशत यानी 3,000 बेड़ों की व्यवस्था रखनी होगी। इसी अनुपात में ICU, नॉन ICU, कोविड केयर, आइसोलेशन आदि की भी व्यवस्था करनी होगी। इसी तरह नवरात्रा, दशहरा, दिवाली और क्रिसमस पर भीड़ को एकत्र होने से रोकना होगा।
दिल्ली में टेस्टिंग बढ़ाने का तरीका विशिष्ट नहीं
NCDC की रिपोर्ट में कहा गया कि दिल्ली में विशिष्ट तरीके से टेस्टिंग नहीं बढ़ाई गई। छह से आठ जिलों में संक्रमण की दर ज्यादा है, लेकिन टेस्टिंग बहुत कम है। टेस्टिंग को एक निश्चित लक्ष्य के तौर पर नहीं बल्कि कंटेनमेंट जोन में निगरानी के तहत पॉजिटिव और उनके संपर्क में आये लक्षण वाले व्यक्ति के आधार पर की जानी चाहिए। टेस्टिंग के आंकड़े बढ़ाने से कोई फायदा नहीं बल्कि ज्यादा मामलों की जानकारी अहम है।
रैपिट एंटीजन किट से हुई 80 प्रतिशत टेस्टिंग
रिपोर्ट में कहा गया है कि 80 प्रतिशत से ज्यादा टेस्टिंग रैपिड एंटीजन टेस्ट किट से हो रही है। इसकी पॉजिटिविटी रेट केवल 4.3 प्रतिशत है। बाकी के मामलों में RT-PCR द्वारा किए जा रहे टेस्टों से पॉजिटिविटी रेट 20.33 प्रतिशत आंकी गई है।
दिल्ली में क्या है कोरोना वायरस की स्थिति?
देश की राजधानी दिल्ली में अब तक 3,00,833 लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया जा चुका है और 5,653 को संक्रमण के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। शहर की रिकवरी रेट लगभग 90 प्रतिशत है औऱ 2.70 लाख से अधिक मरीज ठीक हो चुके हैं। दिल्ली कोरोना वायरस की दूसरी लहर को भी पार कर चुका है जिसमें एक दिन में 4,500 तक नए मामले सामने आए। अभी प्रतिदिन 2,000-3,000 नए मामले सामने आ रहे हैं।