
#NewsBytesExplainer: बाहुबली मुख्तार अंसारी को 18 साल पुराने किस मामले में सजा हुई है?
क्या है खबर?
गाजीपुर की MP/MLA कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर एक्ट के तहत दो अलग-अलग मामलों में 10 साल की सजा सुनाई है। मुख्तार पर 5 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है।
वहीं, मुख्तार के भाई और गाजीपुर से बसपा सांसद अफजाल अंसारी को भी 4 साल की सजा सुनाई गई है। सजा के बाद अफजाल की सांसदी भी जा सकती है।
समझते हैं मुख्तार की कहानी और जिस मामले में सजा हुई है, वह क्या है।
विधायक की हत्या
क्या है भाजपा विधायक की हत्या का मामला?
बात साल 2002 की है। इस साल उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में गाजीपुर की मोहम्मदाबाद सीट से भाजपा के कृष्णानंद राय की जीत हुई। उन्होंने मुख्तार के भाई अफजाल को हराकर चुनाव जीता था।
बस यहीं से कृष्णामनंद और मुख्तार के बीच दुश्मनी की शुरुआत हुई। दरअसल, ये सीट 1985 से अंसारी परिवार के पास थी। 17 साल बाद इस सीट पर मिली हार को मुख्तार पचा न सका और बदला लेने की ठानी।
फायरिंग
कृष्णानंद पर 500 राउंड फायरिंग
29 नवंबर, 2005 को कृष्णानंद राय एक क्रिकेट कार्यक्रम का उद्घाटन कर लौट रहे थे। उनके साथ उनकी टाटा सूमो कार में 7 लोग सवार थे। तभी उनकी गाड़ी को चारों तरफ से घेरकर अंधाधुंध फायरिंग की गई।
AK-47 बंदूक से गाड़ी पर करीब 500 राउंड फायरिंग हुई। कार में सवार सभी 7 लोगों की मौत हो गई। बताया जाता है कि पोस्टमार्टम के दौरान कृष्णानंद के शरीर से 67 गोलियां निकलीं।
आरोपी
जेल में रहते हुए आरोपी बनाया गया मुख्तार
हत्याकांड के बाद कृष्णानंद की पत्नी अलका राय ने मुख्तार, अफजाल और कुख्यात शूटर मुन्ना बजरंगी के खिलाफ हत्या का केस दर्ज करवाया था।
बता दें कि हत्याकांड के वक्त मुख्तार जेल में बंद था, इसके बावजूद उसे आरोपी बनाया गया।
हत्याकांड के बाद पूर्वांचल में खूब हंगामा हुआ। जगह-जगह तोड़फोड़ और हिंसा की घटनाएं हुईं। 2006 में हत्याकांड के महत्वपूर्ण गवाह शशिकांत राय की रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई।
हत्या
कोयला व्यापारी की हत्या का मामला
साल 1997 में कोयला व्यापारी नंदकिशोर रूंगटा का घर से अपहरण कर लिया गया था। बाद में अपहरणकर्ताओं ने परिवार से 5 करोड़ रुपये की फिरौती की मांग की थी, जिसमें से 1.5 करोड़ रुपये परिवार ने दे दिए थे।
हालांकि, बाद में रूंगटा की हत्या कर दी गई थी। इस अपहरण और हत्या का आरोप भी मुख्तार पर लगा था।
मुख्तार ने अपने गुर्गे अताउर रहमान उर्फ बाबू उर्फ सिकंदर के जरिए इस वारदात को अंजाम दिया था।
मुख्तार
अब मुख्तार के बारे में जानते हैं
30 जून, 1963 को गाजीपुर के यूसुफपुर गांव में मुख्तार का जन्म हुआ था। गाजीपुर के इंटर और पीजी कॉलेज से पढ़ाई के बाद मुख्तार ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से राजनीति की शुरुआत की।
1988 में पहली बार सच्चिदामंद राय हत्याकांड में मुख्तार का नाम सामने आया। 1996 में मऊ विधानसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर पहली बार विधायक का चुनाव जीता। इस दौरान ही अपराध की दुनिया में भी मुख्तार एक बड़ा नाम बन गया।
वारदात
2005 में दो बड़ी वारदातों से छाया मुख्तार
2005 में उत्तर प्रदेश में दो बड़ी घटनाएं हुईं, जिसने मुख्तार को प्रसिद्धी दिलाई। पहली घटना कृष्णानंद राय की हत्या की थी, जिसके बारे में हम आपको बता चुके हैं।
2005 में ही मऊ में भीषण दंगे भड़के, जिसका आरोप मुख्तार पर लगा। इस दौरान मुख्तार की खुली जीप में AK-47 के साथ घूमते हुए तस्वीर वायरल हुई।
इस मामले में अक्टूबर, 2005 में मुख्तार ने सरेंडर कर दिया था।
मामले
मुख्तार के खिलाफ दर्ज हैं 61 मामले
उत्तर प्रदेश में मुख्तार के खिलाफ कुल 61 मामले दर्ज हैं। इनमें अपहरण. हत्या, हत्या के प्रयास जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं।
1991 में मुख्तार ने चंदौली में दो पुलिस वालों की हत्या कर दी थी। 1996 में ASP उदय शंकर पर हमला किया था। मुख्तार पर राजेंद्र सिंह हत्याकांड, वशिष्ठ तिवारी उर्फ माला गुरु हत्याकांड और अवधेश राय हत्याकांड में भी मामला दर्ज है।
वह पिछले करीब 15 सालों से जेल में बंद है।
परिवार
मुख्तार अंसारी का परिवार
मुख्तार के नाना मोहम्मद उस्मान भारतीय सेना में ब्रिगेडियर रहे है। मरणोपरांत उन्हें महावीर चक्र से नवाजा गया।
वहीं, मुख्तार के दादा अहमद अंसारी स्वतंत्रता संग्राम सैनानी रहे हैं। पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भी मुख्तार के चाचा लगते हैं।
मुख्तार अंसारी के दो बड़े भाई- अफजाल और सिबकतुल्लाह हैं।
मुख्तार के दो बेटे हैं। बड़े बेटे अब्बास अंसारी शॉटगन शूटिंग में चैंपियन रह चुके हैं। वहीं, छोटे बेटे उमर विदेश में पढ़ाई कर रहे हैं।