कोरोना वायरस: मरीजों की डिस्चार्ज नीति में बदलाव, सामान्य मरीजों को 10 दिन में मिलेगी छुट्टी
देश में लगातार बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण कंत्रालय ने शनिवार को कोरोना मरीजों की अस्पताल से डिस्चार्ज किए जाने की नीति में बदलाव किया है। मंत्रालय का मानना है कि मामले बढ़ने के साथ अस्पतालों में मरीजों की संख्या में इजाफा होगा। ऐसे में नई नीति के अनुसार बिना कोरोना लक्षण वाले मरीजों को 10 दिन में ही अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी और डिस्चार्ज से पहले जांच भी नहीं होगी।
गंभीर मरीजों की डिस्चार्ज पहले की जाएगी एक जांच
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार नई नीति के अनुसार अब गंभीर रोगों से जूझ रहे कोरोना मरीजों की छुट्टी को लेकर निर्णय करने का अधिकार डॉक्टरों को दिया गया है। हालांकि, अब गंभीर मरीजों का ही अस्पताल से डिस्चार्ज करने पहले एक बार RT-PCR टेस्ट किया जाएगा। इसमें रिपोर्ट के नेगेटिव आने पर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। मंत्रालय ने नई नीति के तहत कोरोना मरीजों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया है।
पहले किए जाते थे दो RT-PCR टेस्ट
बता दें कि पुरानी डिस्चार्ज नीति के तहत कोरोना मरीजों को छुट्टी देने से 24 घंटे पहले दो RT-PCR टेस्ट किए जाते थे। दोनों टेस्ट में रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही मरीजों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया जाता था। इसमें काफी समय लगता था।
श्रेणी के हिसाब से बनाई डिस्चार्ज नीति
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना मरीजों को हल्के या बहुत हल्के मामले, थोड़े गंभीर मामले और अत्यधिक गंभीर मामलों की श्रेणी में विभाजित किया है। पहली श्रेणी के मरीजों को तीन दिन से बुखार नहीं आने पर 10 दिन बाद बिना RT-PCR टेस्ट के ही डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। इसी तरह तीसरी श्रेणी के मरीजों का डिस्चार्ज से पहले RT-PCR टेस्ट का होना और नेगेटिव आना ज़रूरी होगा। हालांकि इनका भी अब एक ही RT-PCR टेस्ट किया जाएगा।
दूसरी श्रेणी के मरीजों को दो भागों में बांटा
दूसरी श्रेणी के मरीजों को A और B कैटेगिरी में बांटा है। A कैटेगिरी के मरीजों के बुखार पहले 3 दिनों में ठीक हो जाये और 4 दिनों तक ऑक्सीजन सपोर्ट की ज़रूरत न पड़े। तो उन्हें 10 दिन बाद बिना टेस्ट के डिस्चार्ज किया जा सकता है। B कैटेगिरी के मरीजों के शुरू के तीन दिन बुखार रहने और ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत होने पर उन्हें पूरी तरह से ठीक होने पर ही बिना टेस्ट के छुट्टी दी जाएगी।
प्रथम श्रेणी के मरीजों को सात दिन होम क्वारंटाइन रहना होगा
मंत्रालय के अनुसार प्रथम श्रेणी के मरीजों को 10 दिन में अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद अगले सात दिन तक होम क्वारंटाइन में रहना होगा। पहले की नीति के अनुसार ऐसे मरीजों को 14 दिन होम क्वारंटाइन में रहना पड़ता था।
ऑक्सीजन बेड्स पर भर्ती होंगे अत्यधिक गंभीर मरीज
गंभीर लक्षण वाले मरीजों को डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में ऑक्सीजन बेड पर रखा जाएगा। उन्हें तापमान और ऑक्सीजन सैचुरेशन चेक्स प्रक्रिया से गुजरना होगा। तीन दिन में बुखार नहीं होने तथा ऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल चार दिन तक 95 प्रतिशत से ज्यादा रहने पर उसे डिस्चार्ज किया जाएगा। HIV और अन्य गंभीर बीमारियों वाले मरीजों को पूरी तरह ठीक होने और RT-PCR टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही डिस्चार्ज किया जाएगा।
हेल्पलाइन नंबरों पर मांगी जा सकती है मदद
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार यदि किसी व्यक्ति को अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद बुखार, खांसी या सांस लेने के परेशानी होती है तो वह कोविड केयर सेंटर और राज्य के हेल्पलाइन नंबर या 1075 पर संपर्क कर मदद प्राप्त कर सकता है।
देश में यह है कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति
भारत में कोरोना वायरस के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। लॉकडाउन के बावजूद संक्रमितों का आंकड़ा 59 हजार पार कर गया है। पिछले 24 घंटों में सामने आए 3,320 नए मरीजों के साथ संक्रमितों की संख्या 59,662 हो गई है। इसी तरह 95 लोगों की मौतों के साथ मृतकों का आंकड़ा 1,981 पर पहुंच गया है। देश में अब तक कुल 17,847 लोग इससे ठीक हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।