कोरोना वायरस: दिल्ली के 75 प्रतिशत मरीज बेहद कम या बिना लक्षणों वाले
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को बताया कि दिल्ली में कोरोना वायरस के 75 प्रतिशत मरीज बिना लक्षण या कम लक्षणों वाले हैं। इन मरीजों पर केंद्र सरकार की नई गाइडलाइंस के मुताबिक घर पर रखकर ही निगरानी रखी जा रही है। वीडियो कॉन्फेंसिंग के जरिए मीडिया से बातचीत करते हुए केजरीवाल ने अपनी पुरानी बात को फिर से दोहराया और कहा कि दिल्लीवासियों को कोरोना वायरस के साथ रहना सीखना होगा।
दिल्ली में मरने वालों में 82 प्रतिशत 50 साल से अधिक उम्र के- केजरीवाल
वीडियो कॉन्फेंसिंग के जरिए केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली में अब तक कोरोना वायरस के 6,923 मामले सामने आए हैं जिनमें से 2,069 ठीक हुए हैं और 73 की मौत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि मरने वालों में 82 प्रतिशत 50 साल से अधिक उम्र के हैं। इस आंकड़ें पर केजरीवाल ने कहा, "वरिष्ठ नागरिकों को ज्यादा खतरा है। हमें बुजुर्गों की ख्याल रखना होगा, उन्हें बाहर जाने से परहेज करना होगा।"
केजरीवाल बोले- केवल 1,463 मरीज अस्पतालों में
केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली के कुल मरीजों में से महज 1,463 अभी अस्पतालों में भर्ती हैं और बाकी 75 प्रतिशत या तो बिना लक्षणों वाले हैं या उनमें बेहद कम लक्षण हैं। उन्होंने कहा, "हम केंद्र की गाइडलाइंस का पालन कर रहे हैं जो कहती हैं कि इन मरीजों का उनके घर पर रखकर इलाज किया जा सकता है। हमारी टीम उनके घर जाकर देख रही हैं कि वे प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं या नहीं।"
घर में अलग-अलग कमरे नहीं तो भर्ती करेगी दिल्ली सरकार- केजरीवाल
केजरीवाल ने कहा कि अगर ऐसे मरीजों के घर पर अलग-अलग कमरे नहीं हैं तो दिल्ली सरकार उन्हें COVID-19 देखभाल केंद्र में भर्ती कराना सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि संसाधनों की कमी न हो इसलिए प्राइवेट एंबुलेंस को भी लगाया गया है।
"कुल आंकड़े बढ़ रहे, लेकिन लोग ठीक होकर घर भी जा रहे"
इस दौरान केजरीवाल ने कहा कि भले ही दिल्ली में कोरोना वायरस के कुल आंकड़े बढ़ रहे हो, लेकिन इसी समय लोग ठीक हो रहे हैं और सुरक्षित वापस घर जा रहे हैं। उन्होंने कहा, "हमें कोरोना वायरस के साथ रहना सीखना होगा।" इससे पहले पिछले रविवार को भी केजरीवाल ने यही बात कही थी। उन्होंने कहा था कि अब दिल्ली को खोलने का समय आ गया है और हमें कोरोना वायरस के साथ रहना सीखना होगा।
केजरीवाल ने विपक्ष पर भी साधा निशाना
इस दौरान केजरीवाल ने विपक्षी पार्टियों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, "कई COVID-19 वॉरियर्स- शिक्षक, डॉक्टर, सफाईकर्मी- अग्रिम मोर्चे पर हैं। अगर उनमें से कोई बीमार होता है तो हमने उनके लिए फाइव स्टार होटल बुक किए हैं। उनकी देखभाल करने की जिम्मेदारी हमारी है। ये चौंकाने वाला है कि विपक्ष इसके लिए हम पर हमला कर रहा है। कोरोना वायरस की वजह से एक पुलिसकर्मी अमित राणा की मौत हुई। हमने उसके परिवार को एक करोड़ रुपये दिए।"
प्रवासी मजदूरों से पैदल घर न जानें की अपील
केजरीवाल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान प्रवासी मजदूरों से एक बार फिर से सैकड़ो किलोमीटर पैदल चलकर न जाने की अपील की। उन्होंने कहा, "प्रवासी मजदूर घर वापस जाने के लिए सैकड़ों किलोमीटर पैदल चल रहे हैं। उन्हें बच्चों को कंधों पर बैठाकर बिना खाने के पैदल चलते देखना दुखद है। ऐसा लगता है कि व्यवस्था फेल हो गई है... मेरी एक अपील है- कृपया शहर से मत छोड़िए। लॉकडाउन को जल्द ही हटाया जाएगा।"